Bihar Flood: पटना के दीघा घाट में गंगा का जल स्तर खतरे के निशान से 10 सेंटीमीटर नीचे आ गया है. जबकि गांधी घाट पर गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से 45 सेंटीमीटर ज्यादा है. गांधी घाट की बात करें तो इस घाट की सीढ़ियों के ऊपर पाथ वे पर पानी बह रहा है. वहीं, दीघा घाट में पानी कम होने की वजह से थोड़ी राहत है. इन दोनों ही जगहों पर गंगा का जल स्तर स्थिर है. अब जल स्तर स्थिर होने से दानापुर व पटना सदर प्रखंड के दियारा क्षेत्र में स्थिति खेतों में पानी फैला है. लेकिन स्थिति भयावह नहीं है.
गांधी घाट में खतरे के निशान के उपर गंगा
सूत्र के अनुसार खतरे के निशान से एकाध मीटर ऊपर जल स्तर होने पर घरों में पानी घुसने की आशंका रहती है लेकिन जल स्तर कम होने से बहुत राहत मिली है. जानकारी मिली है कि दियारा क्षेत्र में एडीएम ने आपदा हालात का जायजा लिया है. पटना के दीघा घाट में गंगा का जल स्तर सोमवार को 50.35 मीटर रहा, जबकि खतरे का निशान 50.45 मीटर है. वहीं गांधी घाट में गंगा का जल स्तर 49.05 मीटर रहा और यहां खतरे का निशान 48.60 मीटर है. यानी गांधी घाट में गंगा खतरे के निशान से उपर बह रही है.
बाढ़ प्रभावित इलाके में सामुदायिक किचेन शुरू
डीएम डॉ त्यागराजन एसएम ने महात्माइन व धोबा नदी से प्रभावित प्रखंड दनियावां व फतुहा के आसपास के प्रभावित इलाकों का निरीक्षण किया. इस दौरान एडीएम (आपदा) देवेंद्र प्रताप शाही व पटना सिटी एसडीओ सत्यम सहाय सहित अन्य पदाधिकारी भी थे. डीएम ने दनियावां प्रखंड के सिंगरियावां पंचायत में बाढ़ प्रभावित परिवारों के लिए सामुदायिक किचेन की शुरुआत करवाई. वहां 50 से 60 लोगों को सुबह-शाम खाना बनाकर खिलाया जा रहा है.
इन इलाकों में नाव का परिचालन शुरू
अधिकारियों ने शाहजहांपुर पंचायत के मकसदपुर, मसनदपुर व नवीचक गांव का भी निरीक्षण किया. होरलविगहा पंचायत के हरिनगर में जलजमाव की वजह से नाव का परिचालन शुरू किया गया है. इसके अलावा बाढ़ पीड़ितों के बीच 150 सूखे राशन के पैकेट बांटे गये. वहीं, फूड पैकेट निर्माण की भी तैयारी शुरू हो चुकी है. छोटी कवई में बाढ़ का पानी फैलने से वहां भी सूखे राशन के पैकेट वितरित किया गया.
खतरनाक घाटों पर लाल कपड़ा लगाने का निर्देश
गंगा व अन्य सहायक नदियों में जल स्तर बढ़ने के कारण दियारा क्षेत्रों में पानी काफी फैल गया है. डीएम डॉ त्यागराजन एसएम ने दियारा इलाके में नावों के परिचालन को लेकर ओवरलोडिंग रोकने व खतरनाक घाटों पर लाल कपड़ा लगा कर सचेत करने का सीओ व बीडीओ को निर्देश दिया. बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों व घाटों में भ्रमण कर लगातार मॉनीटरिंग करने को कहा गया है.
नाविकों के लिए सख्त निर्देश
डीएम ने नाविक का नाम व मोबाइल नंबर, नाव की क्षमता, प्रतिनियुक्त प्रशिक्षित गोताखोर का नाम व पता लेकर लिस्ट तैयार करने को कहा है, ताकि जरूरत पड़ने पर उपयोग किया जा सके. नदियों में नाव की क्षमता से अधिक यात्रियों को बैठाने पर सख्त पाबंदी लगाई गई है. खतरनाक घाटों पर लाल कपड़ा लगाने का निर्देश जारी किया गया है. ताकि कोई व्यक्ति वहां स्नान करने नहीं जाएं. इसके अलावा थानाध्यक्षों को संबंधित क्षेत्र की मॉनीटरिंग करने का निर्देश दिया गया है.
इसे भी पढ़ें: बिहार के इन 14 स्टेशनों पर बनेगा होल्डिंग एरिया, यहां जानिए यात्रियों को मिलेंगी क्या कुछ सुविधाएं