Bihar Flood: उत्तर बिहार के लिए खतरे की घंटी फिर बज चुकी है. गंगा और गंडक नदियों ने हाजीपुर और लालगंज में खतरे के निशान को पार कर लिया है. जलस्तर में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है, जिससे बाढ़ की स्थिति कभी भी बन सकती है.
12 घंटे में हालात बदतर
रविवार रात से सोमवार सुबह तक गंगा में 9.16 मिमी/घंटा और गंडक में 17.5 मिमी/घंटा की तेजी दर्ज की गई. हाजीपुर में गंगा का जलस्तर खतरे से 81 सेंटीमीटर ऊपर है, जबकि लालगंज में गंडक 1 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है. वाल्मीकि नगर बैराज से सोमवार शाम 1,42,100 क्यूसेक पानी छोड़ा गया. इससे गंडक नदी का रुख और आक्रामक हो सकता है. नेपाल से लगातार हो रही बारिश इस खतरे को और बढ़ा रही है.
गांवों पर मंडराने लगा बाढ़ का खतरा
नदी किनारे बसे गांवों में जलभराव की आशंका बढ़ गई है. ग्रामीणों को सतर्क रहने और ऊंचे स्थानों पर जाने की सलाह दी जा रही है. प्रशासन अलर्ट पर है लेकिन हालात तेजी से बिगड़ सकते हैं.
पटना और वैशाली की स्थिति चिंताजनक
- गांधी घाट (पटना): 49.41 मीटर
- हाजीपुर में गंडक: 49.30 मीटर
- लालगंज में गंडक: 50.51 मीटर
2021 की बाढ़ की यादें ताजा
लोगों को 2021 में आई गंडक की बाढ़ की यादें सता रही हैं, जब दर्जनों गांव जलमग्न हो गए थे और सैकड़ों परिवारों को पलायन करना पड़ा था. 1948 में हाजीपुर और 2021 में लालगंज में गंडक नदी का जलस्तर अब तक के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंचा था. वर्तमान स्थिति ने फिर से वैसा ही खतरा पैदा कर दिया है.
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