Bihar Flood: बिहार के नवादा जिले में स्थित प्रसिद्ध पर्यटन स्थल ककोलत जलप्रपात इन दिनों अचानक बाढ़ जैसी स्थिति के कारण सुर्खियों में है. झारखंड और आसपास के इलाकों में हुई भारी बारिश के बाद गुरुवार को ककोलत फॉल में पानी का स्तर तेजी से बढ़ गया, जिससे प्रशासन को तत्काल कार्रवाई करनी पड़ी.
गुरुवार को तीन बार जलप्रपात में जलस्तर बढ़ा और बहाव इतना तेज हो गया कि कुंड के आसपास खतरे की स्थिति बन गई. हालात को भांपते हुए प्रशासन ने एहतियात के तौर पर पूरे इलाके को खाली कराया और 20 जून तक पर्यटकों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है. वर्तमान स्थिति देखे तो यह डेट आगे भी बढ़ सकता है. कुंड और आसपास के इलाकों में बैरिकेडिंग कर दी गई है, साथ ही पुलिस बल की तैनाती भी की गई है.
झारखंड के पहाड़ी इलाकों में भारी वर्षा के बाद बढ़ा जलस्तर
प्रशासन का कहना है कि झारखंड के पहाड़ी इलाकों में भारी वर्षा होने से जलप्रपात का जलस्तर असामान्य रूप से बढ़ गया है. अगर बारिश का सिलसिला इसी तरह जारी रहा, तो स्थिति और गंभीर हो सकती है. ऐसे में लोगों से अपील की गई है कि वे फॉल के आसपास न जाएं और किसी भी स्थिति में सुरक्षा निर्देशों का पालन करें.
कई वर्षों बाद बनी है बाढ़ जैसी स्थिति
स्थानीय लोगों के अनुसार, ककोलत में इस तरह की स्थिति कई वर्षों बाद बनी है. आमतौर पर यह स्थल गर्मियों में सैलानियों से भरा रहता है, लेकिन इस बार मानसून की दस्तक ने प्राकृतिक सौंदर्य के बीच खतरे का संकेत दे दिया है. बिहार राज्य आपदा प्रबंधन विभाग भी लगातार नजर बनाए हुए है. फॉल के आसपास के गांवों में अलर्ट जारी कर दिया गया है और किसी भी आपात स्थिति के लिए राहत टीमों को तैयार रखा गया है.
ककोलत जलप्रपात न सिर्फ नवादा का, बल्कि पूरे बिहार का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है. मानसून के मौसम में यहां का नजारा देखने लायक होता है, लेकिन सुरक्षा के लिहाज से फिलहाल इसे कुछ दिन दूर से ही निहारना बेहतर होगा.
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