Kosi Barrage Update: बिहार में कोसी नदी का जलस्तर इस साल पहली बार डेढ़ लाख क्यूसेक के पार पहुंचा गया. बुधवार को बिहार के सुपौल स्थित बीरपुर में कोसी बराज पर कोसी नदी का जलस्तर 1 लाख 73 हजार क्यूसेक से अधिक दर्ज हुआ. जो बढ़ते क्रम में था. नेपाल के पर्वतीय इलाकों में लगातार हो रही भारी बारिश का असर अब देखने को मिल रहा है. कोसी बराज के 24 गेट बुधवार को खोल दिए गए. हालांकि अगले दिन गुरुवार की सुबह जलस्तर घटा है. दूसरी तरफ, तटबंध के किनारे बसे गांवों में निगरानी बढ़ा दी गयी है.संभावित खतरे को देखते हुए लोगों को सतर्क किया जा रहा है.
कोसी तटबंध के किनारे बसे गांवों में निगरानी बढ़ायी गयी
जल संसाधन विभाग के अनुसार, नेपाल में बारिश की रफ्तार फिलहाल कम होती नहीं दिख रही है, जिससे आने वाले समय में जलस्तर और भी बढ़ सकता है. स्थिति को देखते हुए स्थानीय प्रशासन और आपदा प्रबंधन विभाग सतर्क हो गए हैं.
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हर साल उग्र रूप दिखाती है कोसी
गौरतलब है कि कोसी नदी, जिसे बिहार का शोक भी कहा जाता है. हर साल मानसून के दौरान नेपाल से आने वाले भारी जलप्रवाह के कारण विकराल रूप धारण कर लेती है. इस वर्ष भी नदी का रुख वही पुराना भयावह दृश्य दोहराने के संकेत दे रहा है.
बराह क्षेत्र से पानी पहुंचा कोसी बराज तक
चीफ इंजीनियर वरुण कुमार ने जानकारी दी कि बुधवार सुबह बराह जल अधिग्रहण क्षेत्र में जलस्तर तेजी से बढ़ा, जो दोपहर 12 बजे तक 01 लाख 42 हजार 250 क्यूसेक तक पहुंच गया. बराह से कोसी बराज तक पानी आने में लगभग छह घंटे का समय लगता है. इसी कारण बराह क्षेत्र में सुबह हुए जलस्तर वृद्धि का असर शाम को कोसी नदी में देखने को मिला. वरुण कुमार ने बताया कि दोपहर 12 बजे के बाद से बराह क्षेत्र में जलस्तर गिरने लगा है और अब जल का दबाव घटने की संभावना है. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि नेपाल में वर्षा नहीं हुई है, परंतु संभवतः पर्वतीय क्षेत्रों में बारिश हुई होगी, जिसका असर नदी के जलप्रवाह पर पड़ा है.
गुरुवार की सुबह घटा जलस्तर, बराज के 14 फाटक खुले रहे
ताजा जानकारी के अनुसार, कोसी का जलस्तर गुरुवार की सुबह घटा है. सुबह 10 बजे के आंकड़े के अनुसार, बराज पर पानी 1 लाख 34 ,285 क्यूसेक घटते क्रम में दर्ज हुआ है जबकि बराह क्षेत्र में पानी 98150 क्यूसेक घटते क्रम में दर्ज हुआ. बराज के 14 फाटक अब खुले हुए हैं.
कोई खतरे की स्थिति नहीं, तटबंध सुरक्षित
इंजीनियर ने बताया कि नदी के दोनों तटबंधों पर सभी स्पर और स्टर्ड पूरी तरह सुरक्षित हैं. किसी भी स्थान से खतरे की कोई सूचना नहीं है. प्रशासन द्वारा तटबंधों पर लगातार निगरानी रखी जा रही है और सभी आवश्यक तैयारियां मुकम्मल हैं. हालांकि, नदी के जलस्तर में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है, फिर भी स्थिति नियंत्रण में है. जल संसाधन विभाग और स्थानीय प्रशासन पूरी तरह सतर्क है और किसी भी आपात स्थिति से निबटने के लिए तैयार है.
कोसी बराज पर कितने फाटक हैं? कैसे मिलता है खतरे का संकेत
बीरपुर में कोसी बराज पर कुल 56 फाटक हैं. पानी का दबाव बराज पर जिस रफ्तार से बढ़ता जाता है उस अनुसार ही बराज के फाटकों को खोला जाता है.जब कोसी नदी का जलस्तर 1.5 लाख क्यूसेक को पार करता है, तो बराज पर एक झंडा लगाया जाता है. यह संकेत देता है कि पानी 1.5 लाख क्यूसेक से अधिक है. जब यह जलस्तर 2 लाख क्यूसेक को पार करता है, तो बराज पर दोनों तरफ झंडे लगा दिए जाते हैं. जलस्तर 3 लाख क्यूसेक को पार करता है तो बराज पर लाल बत्ती जलाई जाती है. यह खतरे का संकेत है. जो बताता है कि नदी में पानी का स्तर डेंजर लेवल पर है और लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है.