Bihar Flood: बिहार में गंगा नदी का उफान अब चिंता का बड़ा कारण बन गया है. बक्सर से लेकर पटना और भागलपुर तक गंगा का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर चुका है. जिससे दियारा और तटीय इलाकों में बाढ़ की स्थिति बन गई है. खेतों में पानी भर गया है. संपर्क मार्ग टूटने लगे हैं और गांव के गांव जलमग्न हो रहे हैं. मवेशियों के लिए चारा जुटाना और लोगों का सुरक्षित ठिकानों तक पहुंचना अब चुनौती बन गया है. प्रशासन ने राहत व बचाव कार्यों की तैयारी शुरू कर दी है. लेकिन हालात दिन-ब-दिन गंभीर होते जा रहे हैं.
पटना में गंगा के जलस्तर में उतार-चढ़ाव

पटना में गंगा का जलस्तर दीघा घाट में खतरे के निशान से 10 सेमी नीचे आ गया है, हालांकि गांधी घाट पर खतरे के निशान से 45 सेमी ऊपर है. गांधी घाट में घाट की सीढ़ियों के ऊपर पथ पर पानी बह रहा है. दीघा घाट में पानी कम होने से थोड़ी राहत है. दोनों जगहों पर गंगा का जल स्तर स्थिर है. जल स्तर स्थिर होने से दानापुर व पटना सदर प्रखंड के दियारा क्षेत्र में खेतों में पानी फैला है.
पटना के दीघा घाट पर गंगा का जलस्तर
पटना के दीघा घाट में गंगा का जल स्तर सोमवार को 50.35 मीटर रहा. जबकि खतरे का निशान 50.35 मीटर रहा. जबकि खतरे का निशान 50.35 मीटर रहा. जबकि खतरे का निशान 50.45 मीटर है.गंगा घाट में गंगा का जल स्तर 49.05 मीटर रहा. यहां खतरे का निशान 48.60 है. गंगा घाट में गंगा खतरे के निशान से ऊपर वह रही है.
बक्सर में गंगा के जलस्तर में कमी

बक्सर में गंगा के जलस्तर में कमी आने लगी है. जलस्तर ठहराव के बाद सोमवार को 14 घंटों में मामूली कमी दर्ज की गई. पानी में घटोटरी के रुख से निचले इलाके के लोगों में राहत की उम्मीद जाग गई है. हालांकि उतार-चढ़ाव के साथ जिस तरह दो-चार घंटे के अंतराल में गंगा का जलस्तर घटने-बढ़ने का ट्रेंड चल रहा है. उसमें अभी कुछ भी कहना मुश्किल है.
गंगा का जलस्तर बढ़ने से बलिया से संपर्क टूटा

सिमरी में गंगा नदी के जल स्तर में वृद्धि होने से एक बार फिर दियारा के गांवों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. दियारावासी बाढ़ जैसी आपदा से भयभीत है गंगा नदी विगत दो दिनों से उफान है. जिसके वजह से प्रखंड क्षेत्र क निचलीए इलाकों में पानी प्रवेश करने लगा है, हालांकि सोमवार की सुबह से जलस्तर काफी धीमी गति से जलस्तर काफी धीमी गति से घटने की सूचना प्राप्त हुई है. गंगा के तटीय इलाकों में पानी भरने की वजह से खेतों में पानी भर गया है. गंगौली से जनेश्वर मिश्र सेतु को जोड़ने वाली एप्रोच सड़क पर पानी चढ़ जाने से लोगों को आवागमन में परेशानी हो रही है. गंगा के तटीय इलाकों में फसल बर्बाद होने के कगार पर है. ग्रामीणों के अनुसार, यदि इस तरह गंगा का जलस्तर में बेतहाशा वृद्धि होती रही तो एक दो दिन में पूरा इलाका बाढ़ के चमेट में आ जायेगा.
भागलपुर में बाढ़ के संभावना को लेकर प्रशासन मुस्तैद

भागलपुर में संभावित बाढ़ से निबटने की व्यापक तैयारी करने का दावा आपदा प्रबंधन विभाग ने किया है. विभाग का कहना है कि जिले के सभी 16 अचंलों के 238 पंचायतों में आटोमेटिक रैन गेज ;गाये गये हैं, जो पूरी तरह क्रियाशील है. 19 जुलाई तक जिले के लुल 122.70 मिनी वर्षा दर्ज की गयी है. जिले के 15 अंचलों के 122 पंचायतों के 447 गांव बाढ़ संभावित हैं.
इसके लिए कुल 94 राहत एव बचाव दल गठित किये गये हैं, इनमें भागलपुर सदर में 50, नवहछिया में 33, कहलगांव में, 11, सुल्तानगंज में 4 एवं सबौर में 8 मोटरवोट दल हैं. साथ ही एसडीआरएफ के 57 जवानों की तैनाती की गयी है.
कहलगांव में गंगा खतरे के निशान से ऊपर
कहलगांव में गंगा का जलस्तर कहलगांव में लगातार बढ़ने के क्रम में हैं. केंद्रीय जल आयोग के अनुसार प्रति दो घंटा एक सेमीटर की बढ़त के साथ सोमवार की शाम 6.00 बजे गंगा का जलस्तर 31.25 मीटर पर था. जो अब भी खतरे के निशान से 16 सेमीमीटर ऊपर है. केद्रीय जल आयोग ने बढ़त का क्रम जारी रहने की संभावना व्यक्त की है.
गोपालपुर में कोसी के जलस्तर में कमी
गोपालपुर में बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल कार्यालय नवगछिया के अनुसार मदरौनी में कोसी नदी डेजर लेवल 31.48 मीटर से 34 सेटीमीटर नीचे 31.14 सेमीमीटर पर बह रही है. फिलहाल स्थिति सामान्य रहने की जानकारी दी गई है.
सुलतानगंज जलस्तर बढ़ने से परेशानी
सुलतानगंज, कल्याणपुर मौतीचक दियारा क्षेत्र में लगातार गंगा का जलस्तर बढ़ने से जनजीवन प्रभावित हो रहा है. लोग सुरक्षित स्थान पर पलायन कर रहे है. गांव जाने वाला मुख्य मार्ग जलमग्न हो गये है. गनमनिया पंचायत के भी कुछ वार्ड टोला पानी से घिरने लगे हैं.