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बिहार प्रशासनिक सेवा के इन 15 अधिकारियों को सरकार ने भेजा नोटिस, इस मामले में एक सप्ताह के अंदर मांगा जवाब

Bihar News: बिहार प्रशासनिक सेवा के 15 अधिकारियों को सेवा इतिहास पोर्टल अपडेट नहीं करने पर सामान्य प्रशासन विभाग ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है. विभाग ने इसे अनुशासनहीनता मानते हुए एक सप्ताह के भीतर स्पष्टीकरण मांगा है, साथ ही चेतावनी दी है कि संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर अनुशासनिक कार्रवाई की सिफारिश की जाएगी.

Bihar News: बिहार सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग ने राज्य प्रशासनिक सेवा (बिप्रसे) के 15 अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए एक सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है. इन अधिकारियों पर सेवा इतिहास पोर्टल को बार-बार निर्देश के बावजूद अपडेट नहीं कराने का आरोप है. विभाग ने इसे अनुशासनहीनता और वरीय पदाधिकारियों के आदेश की अवहेलना माना है.

विभाग की ओर से अवर सचिव द्वारा जारी पत्र में कहा गया है कि पूर्व में कई बार सूचना दिए जाने और तिथि निर्धारित किए जाने के बावजूद संबंधित अधिकारियों ने पोर्टल पर अपना सेवा इतिहास अपडेट नहीं कराया. यह व्यवहार सरकार के कार्य संचालन और पारदर्शिता के सिद्धांतों के विरुद्ध है. पत्र में चेतावनी दी गई है कि यदि तय समय के भीतर संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया, तो इनके विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई शुरू करने की अनुशंसा की जा सकती है.

19 मई को होना है अपडेशन कार्यक्रम

विभाग ने इन अधिकारियों को 19 मई को सेवा इतिहास पोर्टल अपडेट कार्यक्रम में अनिवार्य रूप से उपस्थित रहने का निर्देश भी दिया है. राज्य सरकार द्वारा सभी बिप्रसे अधिकारियों की सेवा से संबंधित विवरण और अभिलेखों को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर डिजिटल रूप से सुरक्षित रखने की पहल की गई है. इसके लिए प्रत्येक अधिकारी को स्वयं उपस्थित होकर अपने व्यक्तिगत और सेवा संबंधी विवरण पोर्टल पर अपलोड करना अनिवार्य किया गया है.

जिन अधिकारियों को नोटिस भेजा गया है, उनके नाम इस प्रकार हैं:

सुशील कुमार, मनोज कुमार, अखिलेश कुमार सिंह, वीरेंद्र कुमार, राकेश कुमार, राकेश कुमार झा, प्रमोद कुमार, गयन कुमार राम, सूरज कुमार सिन्हा, रेणु कुमारी, उत्तम कुमार, सुधीर कुमार, दुष्यंत कुमार, दीप शिखा और आरूप.

विभागीय सूत्रों के अनुसार, सेवा इतिहास पोर्टल की अपडेशन प्रक्रिया पारदर्शिता और उत्तरदायित्व को सुनिश्चित करने के लिए शुरू की गई है. समय पर डेटा अपलोड नहीं करने से न केवल प्रशासनिक कार्य प्रभावित होते हैं, बल्कि पदोन्नति, वेतन निर्धारण और सेवा लाभ जैसे महत्वपूर्ण कार्यों में भी बाधा उत्पन्न होती है.

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Abhinandan Pandey
Abhinandan Pandey
भोपाल से शुरू हुई पत्रकारिता की यात्रा ने बंसल न्यूज (MP/CG) और दैनिक जागरण जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में अनुभव लेते हुए अब प्रभात खबर डिजिटल तक का मुकाम तय किया है. वर्तमान में पटना में कार्यरत हूं और बिहार की सामाजिक-राजनीतिक नब्ज को करीब से समझने का प्रयास कर रहा हूं. गौतम बुद्ध, चाणक्य और आर्यभट की धरती से होने का गर्व है. देश-विदेश की घटनाओं, बिहार की राजनीति, और किस्से-कहानियों में विशेष रुचि रखता हूं. डिजिटल मीडिया के नए ट्रेंड्स, टूल्स और नैरेटिव स्टाइल्स के साथ प्रयोग करना पसंद है.

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