मनोज कुमार, पटना मनरेगा की योजनाओं को पूर्ण करने में बिहार एक बार फिर राष्ट्रीय औसत से पिछड़ गया है. 2024-25 में मनरेगा के तहत चल रही योजनाओं को पूरा करने में राज्य का औसत 39.63 फीसदी है. राष्ट्रीय औसत 40.20 प्रतिशत है. 2023-24 में भी कार्य पूर्ण करने में बिहार पिछड़ा था. दो वर्ष पूर्व 2022-23 में बिहार कार्य पूर्ण करने में राष्ट्रीय औसत से आगे था. बीते तीन वर्षों में ओवरऑल योजनाओं को पूरा करने में बिहार का औसत 83.06 % था. ओवरऑल राष्ट्रीय औसत 85.57 % है. ओवरऑल ढाई फीसदी से अधिक औसत से बिहार पीछे चल रहा है. 6.23 लाख में से 3.76 लाख कार्य नहीं हुए पूरे 2024-25 में मनरेगा से 6 लाख 23 हजार 349 योजनाएं शुरू की गयी थीं. इसमें 2 लाख 47 हजार 57 कार्य ही पूर्ण हुए. अभी तक 3 लाख 76 हजार 292 कार्य पूर्ण नहीं हुए हैं. 2023-24 में 3 लाख 76 हजार 882 योजनाएं शुरू हुई थीं. 2 लाख 8 हजार 54 योजनाएं ही पूर्ण हुईं. 2022-23 और इससे पहले की योजनाओं को मिलाकर 58 लाख 89 हजार 359 योजनाएं शुरू हुई थीं. सूबे में ओवरऑल 12.47 लाख योजनाएं अधूरी 2022-23 और इससे पहले से लेकर 2024-25 तक मिलाकर ओवरऑल 73 लाख 63 हजार 31 योजनाएं शुरू की गयीं. इसमें 61 लाख 15 हजार 383 योजनाएं पूर्ण हो चुकी हैं. वहीं, 12 लाख 47 हजार 648 648 योजनाएं अधूरी हैं. ग्रामीण विकास विभाग की ओर से योजनाओं की जिला और मुख्यालय स्तर से समीक्षा की गयी है. अपूर्ण योजनाओं को शीघ्र पूरा करने का निर्देश दिया गया है.
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