Bihar Land Registry: पटना. बिहार में पेपरलेस तरीके से जमीनों के निबंधन ने रफ्तार पकड़ ली है. लोगों में जमीन निबंधन को लेकर यह व्यवस्था अब धीरे-धीरे लोकप्रिय हो रहा है. दिसंबर 2024 से लागू ई-निबंधन सुविधा के तहत बीते छह महीनों में कुल एक लाख 55 हजार 239 आवेदन आए हैं, जिनमें से एक लाख 29 हजार 949 आवेदनों का ई-निबंधन किया गयाI है. इसके साथ ही 29,07,336 से अधिक लोगों ने ई-निबंधन सॉफ्टवेयर के जरिए ई-केवाईसी कराया है. देश में पेपरलेस सरकारी कार्यलय बनाने के मामले में बिहार तेजी से आगे बढ़ रहा है और अग्रणी राज्यों में आ चुका है.
ई-निबंधन से धोखाधड़ी की आशंका कम
बीते वर्ष जुलाई में पांच कार्यालयों में ई-निबंधन सॉफ्टवेयर की शुरुआत हुई थी, जिसके बाद में दिसंबर से प्रदेश के सभी निबंधन कार्यालयों में लागू है. ई-निबंधन सुविधा शुरू होने से दस्तावेजों का ऑनलाईन सत्यापन, घर बैठे शुल्क जमा, पारदर्शिता होने से धोखाधड़ी की कम आशंका और निबंधन संबंधी कामों का तुरंत निपटारा हो रहा है. इसके अलावा शादी के निबंधन, निबंधित दस्तावेजों की खोज, सच्ची प्रतिलिपि और ऋण अवभार प्रमाण पत्र की ऑनलाईन सुविधाएं भी मिल रहीं हैं. लोग ऑनलाइन समय बुकिंग के जरिए भी निबंधन करा सकते हैं.
छह माह पहले मधुबनी में हुआ था पहला ई निबंधन
मधुबनी जिले में छह माह पूर्व 2 दिसंबर से ई निबंधन प्रणाली लागू हुई थी. इस सिस्टम से निबंधन कराने में खरीदार अपनी सुविधानुसार कागजात बना कर घर से भी ई निबंधन पोर्टल पर ऑन लाइन रजिस्ट्री के लिए सुविधानुसार समय ले रहे हैं. इससे लोगों की जमीन की रजिस्ट्री में हो रही परेशानी से थोड़ी बहुत निजात मिली है. साथ ही इससे लोग जमीन रजिस्ट्री में धोखाधड़ी के मामले भी कम हुए हैं. हालांकि अभी भी लोगों को दो से तीन दिन जमीन रजिस्ट्री कराने में समय लग रहा है. एक दिन रजिस्ट्री के लिए कागजात तैयार करने में लग जाता है. फिर ऑनलाइन कर रजिस्ट्री के लिए समय लेना पड़ता है.
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