Bihar Land Survey: मुजफ्फरपुर. विशेष सर्वेक्षण को लेकर गांव-गांव चल रहे जागरूकता अभियान के बाद मार्च महीने में ग्राउंड सर्वे शुरू होगा. इसके लिए सर्वेक्षण टीम की तैयारी चल रही है. जमीन सर्वे के रैयतों को स्वघोषणा करने की समय सीमा मार्च तक तय की गयी है. यह स्वघोषणा ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों माध्यमों से की जा सकेगी. इसी लक्ष्य के अनुसार राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने जमीन सर्वे को लेकर जरूरी गतिविधियों की समय सीमा पर तय करना शुरू कर दिया है. अंचल स्तर पर कार्यरत विशेष सर्वेक्षण शिविरों में रैयत अपनी स्वघोषणा, कागजात और वंशावली जमा कर सकते हैं.
रैयत को शारीरिक रूप से उपस्थित होना अनिवार्य नहीं
जमीन का सर्वे करवाने के लिए किसी भी भूमि के रैयत को शारीरिक रूप से उपस्थित होना अनिवार्य नहीं है बल्कि राज्य से बाहर रहनेवाले सभी भूमि मालिक आसानी से ऑनलाइन जाकर अपनी जमीन का सर्वे करवाने के लिए ऑनलाइन अप्लाइ कर सकते हैं और इस सर्वे करा सकते हैं. मापी के समय किसी तरह के विवाद होने पर संबंधित जमीन मालिक का प्रतिनिधि होना चाहिए. रैयतों को सर्वेक्षण की प्रक्रिया में सभी सेवाएं ऑनलाइन उपलब्ध हैं. ऑनलाइन सेवाओं का लाभ उठाने के लिए निदेशालय की वेबसाइट lrs.bihar.gov.in पर जाएं या अपने मोबाइल के प्ले स्टोर से बिहार सर्वे ट्रैकर एप डाउनलोड कर सकते हैं.
नोटिफिकेशन के 180 दिन पहले अपलोड करें वंशावली
जमीन का स्वघोषणा और वंशावली ऑनलाइन अपलोड करने की सुविधा है. उद्घोषणा के प्रकाशन की तिथि से 180 कार्य दिवसों के भीतर अथवा किश्तवार कार्य समाप्ति किये जाने के पूर्व तक दोनों में जो पहले हो, किया जा सकता है. खतियान और केवाला का होना बहुत जरूरी है. यूं कहा जाए कि खतियान व केवाला जमीन मालिक के लिए कुंजी व पूंजी है.
जमाबंदी पंजी होगी अनिवार्य
राज्य में जमीन का राजस्व रिकॉर्ड अपडेट करने के लिए जमाबंदी पंजी के आंकड़ों को शामिल करना जरूरी है. खासकर सरकारी परियोजनाओं के निर्माण में जमीन अधिग्रहण की अधिसूचना से पहले जमाबंदी पंजी के आधार पर ही राजस्व रिकॉर्ड अपडेट किया जायेगा. इसके साथ ही अधिग्रहित जमीन के किस्म के निरीक्षण के दौरान उसका सत्यापन खतियान के आधार पर किया जायेगा. अधिग्रहित जमीन के सीमांकन के समय ड्रोन स्टील फोटोग्राफी करवाई जायेगी. यह निर्देश राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने संबंधित अधिकारियों को दिया है.
अधिग्रहित जमीनों की दाखिल खारिज हो जल्द
विभाग ने सरकारी परियोजनाओं के लिए अधिग्रहित जमीनों की दाखिल खारिज जल्द से जल्द पूरा करवाने का निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिया है. साथ ही दाखिल खारिज करवाने में कोई तकनीकी समस्या आने पर उसकी रिपोर्ट भी मांगी है. इससे पहले भी बड़ी संख्या में अधिग्रहित जमीनों की दाखिल खारिज अब तक नहीं किये जाने की सूचना विभाग को मिली थी. कई मामलों में अधिग्रहित जमीन की दाखिल खारिज नहीं किये जाने से यह जमीन पूर्व रैयतों के नाम से ही रह गई थी. उन रैयतों या उनके वंशजों की तरफ से बाद में दोबारा मुआवजे का क्लेम किये जाने से समस्या हुई थी. ऐसे में विभाग ने बेवजह विवादों को होने से रोकने के लिए दाखिल खारिज को प्राथमिकता के तहत करने का निर्देश दिया है.
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