Bihar Medical College: अग्नि दुर्घटनाओं में जले और विकृत हुए अंग न केवल पीड़ित के शारीरिक, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित करते हैं. इस समस्या समाधान के लिए बेहतर इलाज के साथ-साथ सामाजिक सहयोग और जन जागरुकता भी अत्यंत आवश्यक है. यह बातें स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने रविवार को कहा. इस दिन मंत्री नेशनल एकेडमी ऑफ बर्न इंडिया (एनएबीआइ) द्वारा एजुकेट एंड एलिमिनेट (शिक्षण एवं उन्मूलन) विषय पर आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि हाजिर हुए थे.
बढ़ी है बर्न यूनिट की तादात
इस दौरान उन्होंने कहा कि ‘स्किन बैंक’ की सुविधा जल्द ही बिहार के मेडिकल कॉलेजों में उपलब्ध करायी जायेगी. इसके लिए तैयारी की जा रही है. राज्यभर के अस्पतालों की बर्न यूनिट को और सशक्त करने की कोशिश जारी है. पहले की तुलना में प्रदेश में बर्न यूनिट की तादात बढ़ी है.मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि राज्य के अस्पतालों के बर्न यूनिट को और सुदृढ़ किया जा रहा है. इस कड़ी में स्वास्थ्य विभाग जल्द उन मेडिकल कॉलेजों में स्किन बैंक की सुविधा उपलब्ध कराएगा, जहां प्लास्टिक सर्जरी विभाग वर्तमान में बर्न यूनिट संचालित कर रहा है.
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मंत्री ने कहा कि पहले राज्य के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल, पीएमसीएच में वर्न यूनिट का आइसीयू नहीं था लेकिन मेरे कार्यकाल में पीएमसीएच में बर्न यूनिट का आइसीयू बन गया. बता दें कि राज्य में अभी 20 बर्न यूनिट हैं, जबकि एम्स पटना में यह यूनिट निर्माणाधीन है.
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