Bihar News: पटना. पटना में नगर निगम समेत राज्य के 11 नगर निकायों के कचरे से 15 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जाएगा. यह परियोजना पीपीपी मोड पर पूरी होगी. बिहार के नगर विकास एवं आवास मंत्री जिबेश कुमार मिश्रा ने ‘बिहार रिन्यूएबल एनर्जी एक्सपो 2025’ के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे. जिबेश कुमार मिश्रा ने कहा कि इस परियोजना पर 513 करोड़ रुपये खर्च होंगे. इसके लिए केंद्र सरकार ने 33 फीसदी राशि जारी कर दी है. शेष राशि पीपीपी मोड पर निजी भागीदारी से वहन की जाएगी. इस प्लांट में बिजली के साथ इथेनॉल और कंपोजिट खाद का भी उत्पादन होगा. बची हुई सामग्री का उपयोग लैंड फिलिंग मैटेरियल के रूप में किया जाएगा.
2035 तक 18 हजार मेगावाट बिजली की होगी मांग
नगर विकास एवं आवास मंत्री ने पीएम सूर्य घर योजना की सफलता के लिए जनप्रतिनिधियों की सहभागिता और सहभागिता पर बल दिया. नॉर्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी के प्रबंध निदेशक सह ब्रेडा के निदेशक राहुल कुमार ने कहा कि वर्ष 2034-35 में राज्य में 18 हजार मेगावाट बिजली की मांग होगी. इसे पूरा करने के लिए अक्षय ऊर्जा आधारित ऊर्जा का उत्पादन बढ़ाना होगा. उन्होंने बताया कि वर्तमान में 11 हजार मेगावाट का बिजली खरीद समझौता है, जिसमें 65 प्रतिशत थर्मल पावर है. शेष बिजली अक्षय ऊर्जा है.
बाजार समिति में कोल्ड स्टोरेज को बढ़ावा
वानिकी निदेशक अविषेक कुमार ने कहा कि सरकार कोल्ड स्टोरेज की स्थापना को बढ़ावा देने के लिए अलग से कोल्ड स्टोरेज नीति ला रही है, यह कैबिनेट की मंजूरी के लिए गई है. नीति में यह प्रावधान किया जा रहा है कि हर प्रखंड में कोल्ड स्टोरेज की स्थापना की जाए. राज्य की बाजार समितियों को पुनः स्थापित करते हुए हर बाजार समिति में कोल्ड स्टोरेज की स्थापना को प्रोत्साहित किया जाएगा। नई नीति में पारंपरिक कोल्ड स्टोरेज के साथ-साथ “कम लागत-कम क्षमता वाले कोल्ड स्टोरेज” की स्थापना पर विशेष ध्यान दिया गया है.
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