Bihar News, कृष्ण कुमार/ पटना: बिहार में नेशनल हाइवे पर दौड़ने वाली गाड़ियों से प्रति माह करीब छह सौ करोड़ रुपये की टौल टैक्स वसूल हो रही है. बावजूद इसके कई एनएच की हालत खस्ता है. कई सालों से ऐसी सड़कों की मरम्मत और निर्माण का काम चल रहा है, लेकिन अब तक पूरा नहीं हुआ है. इस कारण सड़कों में गड्ढे हादसों को दावत दे रहे हैं. खराब सड़कों का खामियाजा आम लोग भुगत रहे हैं. लोगों को आवागमन में अब भी असुविधा है.
हाल ही में इस्ट-वेस्ट कोरिडोर के तहत गोपालगंज जिले के मोहम्मदपुर स्थित डुमरिया घाट पुल के समानांतर नये निर्माणाधीन पुल के स्लैब में फिर से दरार आ गया. इस कारण गंडक नदी पर इस पुल को फिर से बनाने के लिए नये सिरे तैयारी की जायेगी. इस पुल का निर्माण अधूरा होने से इस्ट-वेस्ट कोरिडोर के इस हिस्से में एक बार फिर आवागमन की समस्या जस की तस रह गयी है.
शिलान्यास के करीब 24 साल बाद भी अधूरा
सूत्रों के अनुसार मुजफ्फरपुर-दरभंगा-पूर्णिया एनएच-27, मुंगेर-मिर्जाचौकी एनएच-80, जमुई और बांका जिले में एनएच-333ए, हाजीपुर-छपरा एनएच-19 जैसी सड़कों की हालत अच्छी नहीं है. इन सड़कों की मरम्मत तो कई साल से हो रही है, लेकिन अब भी हाल बुरा है. सड़कें कई जगह जर्जर होने के कारण लोगों को यात्रा में लंबा समय लग रहा है.
इस समय भी इन सड़कों को बेहतर करने का काम हो रहा है, लेकिन लोग असुविधा होने के बावजूद टोल टैक्स दे रहे हैं. इसके साथ ही बिहपुर-वीरपुर एनएच-106 और महेशखूंट-सहरसा-पूर्णिया एनएच-107 का निर्माण भी इन सड़कों के शिलान्यास के करीब 24 साल बाद भी अधूरा है.
बिहार चुनाव की ताजा खबरों के लिए क्लिक करें
एनएच-27 का 274 किमी लंबाई में हो रहा मरम्मत
सूत्रों के अनुसार एनएच-27 का करीब 274 किमी लंबाई में मरम्मत की जिम्मेदारी शीराज प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड को दी गयी है. इस सड़क को बेहतर करने का काम पहले भी हो रहा था और अब भी हो रहा है, लेकिन काम तय समयसीमा में पूरा होने की संभावना नजर नहीं आ रही. अब हालत यह है कि इतनी बड़ी लंबाई में इस महत्वपूर्ण सड़क को खराब होने से करीब आधा दर्जन जिला के लोगों को आवागमन में अब भी असुविधा हो रही है.
इसे भी पढ़ें: बिहार में अगले 96 घंटे तक फ्लैश फ्लड का खतरा, IMD ने भारी बारिश और आंधी-तूफान का जारी किया अलर्ट