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Bihar News: बिहार के इस शहर से गुजरती हैं 8 नदियां, कहीं सूखी कहीं बहती है अविरल धारा

Bihar News: जहानाबाद की कई नदियों का जन्म छोटा नागपुर के पठार से हुआ है. यहाँ से नदियां निकलती हैं और दक्षिण से उत्तर की ओर बहती हैं, जैसे कोई संन्यासी गंगा की तलाश में निकला हो.

Bihar News: जहानाबाद. बिहार में जहां एक ओर खेतों की हरियाली है, वहीं दूसरी ओर नदी-नालों की बहती धारा भी हैं. इन धाराओं में सिर्फ पानी नहीं बल्कि इतिहास, आस्था और भूगोल भी बहता है. बिहार का जहानाबाद जिला नदियों की गोद में बसा है. जहानाबाद की कई नदियों का जन्म छोटा नागपुर के पठार से हुआ है. यहाँ से नदियां निकलती हैं और दक्षिण से उत्तर की ओर बहती हैं, जैसे कोई संन्यासी गंगा की तलाश में निकला हो.

“जहां बहती है नदी, वहीं होती है जिंदगी!”

गंगा की गोदी में बसे बिहार की यह ज़मीन फल्गु, मोरहर, दरधा, जमुना, जलवर, बलदइया, नरही और मोहाने जैसी जलधाराओं से सजी है. इन नदियों का मिज़ाज कुछ जुदा है. बरसात में फुलझड़ी, लेकिन बाकी साल सूखा मैदान रहता है. जहानाबाद की ये नदियां भले ही छोटी हों, लेकिन इनकी पहचान बहुत बड़ी है. ये नदियां इतिहास को सींचती हैं, संस्कृति को बहाती हैं, और धरती से जुड़े जीवन को संजोए रखती हैं.

किताब में है नदियों का जिक्र

‘जहानाबाद: अ पैनोरमिक व्यू’ नामक पुस्तक ने जहानाबाद की नदियों को जैसे “रिवर बायोडेटा” के रूप में पेश किया है. इसमें बताया गया है कि ये नदियां सिर्फ धरती पर नहीं बहतीं, ये इतिहास और भूगोल की नसों में भी बहती हैं. बरसात गई नहीं कि नदी भी ‘नो शो’ हो जाती है. कई जगह ये नदियां जलधारा नहीं, रेतधारा बन चुकी हैं. फिर भी, जहानाबाद के लोगों के दिल में इनका भक्ति लेवल हाई है.

नदियां जो यहां बहती हैं

मोरहर नदी – जहानाबाद की ‘प्राइम’ नदी है और इसका उद्गम हजारीबाग पठार है. यह रानीगंज, इमामगंज, शेरघाटी से होते हुए जहानाबाद पहुंचती है. यह नदी शेरघाटी में दो चैनलों में बंट जाती है.

दरधा नदी- टेकारी से जहानाबाद तक का जल-सफर तय करती है. टेकारी के दक्षिण से से होते हुए. जहानाबाद शहर के बीचों-बीच बहती है. मोरहर से अलग होकर बनी है.

जमुना नदी- दरधा की बहन, पानी में राब्ता, यह मखदुमपुर होते हुए टेहटा से होते हुए जहानाबाद से होकर गुजरती है. इसकी लंबाई 40 किमी है. दरधा से मिलती है .जैसे दो बिछड़ी बहनें नदी बनकर मिल गईं हों.

फल्गु नदी- श्रद्धा से भरी जलधारा इसकी है. यह नदी नीलांजल और मोहना नदी मिलकर बनाते हैं फल्गु को बनाते हैं. विशेषता: 300 गज से सीधा 900 गज में बदलती है. फल्गु नदी बराबर की पहाड़ी में बहती है. यहां भी दो अलग अलग भागों में विभाजित होती है, एक फल्गु और दूसरा मोहाने नदी हो जाती है. फल्गु नदी की दोनों ब्रांच पटना जिला में प्रवेश करती है.

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Ashish Jha
Ashish Jha
डिजिटल पत्रकारिता के क्षेत्र में 10 वर्षों का अनुभव. लगातार कुछ अलग और बेहतर करने के साथ हर दिन कुछ न कुछ सीखने की कोशिश. वर्तमान में पटना में कार्यरत. बिहार की सामाजिक-राजनीतिक नब्ज को टटोलने को प्रयासरत. देश-विदेश की घटनाओं और किस्से-कहानियों में विशेष रुचि. डिजिटल मीडिया के नए ट्रेंड्स, टूल्स और नैरेटिव स्टाइल्स को सीखने की चाहत.

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