Bihar News:मोनु कुमार मिश्रा, बिहटा. क्षेत्र में चौकीदार की कमी अब लोगों की बुनियादी सुविधा में बाधा बनती जा रही है.जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए आवश्यक फॉर्म में चौकीदार के हस्ताक्षर की अनिवार्यता के कारण आम लोग भारी परेशानी झेल रहे हैं.बिना साइन वाला फॉर्म प्रखंड कार्यालय द्वारा लौटा दिया जा रहा है, जिससे आवेदकों को बार-बार कार्यालयों के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं.
क्या है जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के नये नियम
नए नियमों के अनुसार, यदि किसी बच्चे के जन्म के 30 दिनों के भीतर आवेदन किया जाता है, तो पंचायत सचिव स्तर से ही उसका जन्म प्रमाण पत्र जारी कर दिया जाएगा. हालांकि, यदि बच्चे की उम्र एक महीने से एक साल के बीच है, तो प्रमाण पत्र प्रखंड सांख्यिकी पदाधिकारी की अनुशंसा पर ही जारी होगा.
वहीं, एक साल से अधिक समय के बाद जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के लिए संबंधित व्यक्ति को बीडीओ (प्रखंड विकास पदाधिकारी) के पास जाना होगा. यह व्यवस्था गांवों में प्रमाण पत्र निर्माण को और अधिक सुलभ, पारदर्शी और त्वरित बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है.

चौकीदार के कमी के कारण हो रही परेशानी
मखदुमपुर पंचायत के पंचायत समिति सदस्य मिथिलेश कुमार सिंह ने बताया कि उनके पंचायत क्षेत्र में अब कोई चौकीदार नहीं है.पहले एक चौकीदार थे, जो सेवानिवृत्त हो चुके हैं. उनके स्थान पर कोई नया चौकीदार पदस्थापित नहीं किया गया है, जिससे जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र के फॉर्म बिना हस्ताक्षर के ही लौटाए जा रहे हैं.
उन्होंने कहा कि यह समस्या केवल मखदुमपुर पंचायत तक सीमित नहीं है, बल्कि ऐसे कई पंचायत हैं जहाँ वर्षों से चौकीदार नहीं हैं और लोग इस कारण से बेहद परेशान हैं.
इस मुद्दे पर बीस सूत्री कार्यक्रम के प्रखंड उपाध्यक्ष राजू कुमार ने भी गहरी चिंता व्यक्त की और प्रशासन से मांग की कि जब तक चौकीदारों की नियुक्ति नहीं होती, तब तक किसी वैकल्पिक व्यवस्था से लोगों को राहत दी जाए ताकि उन्हें जरूरी प्रमाण पत्रों के लिए बेवजह परेशान न होना पड़े.
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स्थानीय लोगों का कहना है कि इस समस्या का त्वरित समाधान नहीं हुआ तो उन्हें आंदोलन के लिए मजबूर होना पड़ेगा.इस सम्बन्ध में बिहटा प्रखंड पदाधिकारी और दानापुर एसडीएम से कि गई है.