Bihar News: बिहार सरकार के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने अप्रैल महीने के प्रदर्शन के आधार पर सभी जिलों की रैंकिंग जारी कर दी है. इस रैंकिंग में बांका जिला सबसे ऊपर रहा है, जबकि सारण जिला सबसे अंतिम पायदान पर पहुंच गया है. विभाग ने यह रैंकिंग दाखिल-खारिज, आधार सीडिंग, ई-मापी सहित आठ मानकों के आधार पर तैयार की है, जिससे जिलों के प्रशासनिक कार्यों में पारदर्शिता और प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा मिल सके.
बांका ने मारी बाजी
पिछले माह तक शीर्ष पर रहे शेखपुरा को पीछे छोड़ते हुए बांका ने अप्रैल महीने में पहला स्थान हासिल किया है. शेखपुरा अब दूसरे पायदान पर है. पूर्वी चंपारण ने जबरदस्त छलांग लगाते हुए 22वें स्थान से सीधे तीसरे स्थान पर कब्जा कर लिया है, जो इस बार की रैंकिंग की सबसे बड़ी उपलब्धियों में गिना जा सकता है.
टॉप 10 जिलों की लिस्ट में नए नाम शामिल
इस बार के टॉप 10 जिलों में बांका (65.52 अंक), शेखपुरा (64.61), पूर्वी चंपारण (55.87), जहानाबाद (55.57), बक्सर (55.22), अरवल (53.25), औरंगाबाद (52.53), कैमूर (52.34), बेगूसराय (52.02) और सिवान (51.86) शामिल हैं. इन जिलों ने राजस्व कार्यों को बेहतर तरीके से निष्पादित किया है.
रैंकिंग का आधार
राजस्व विभाग की यह रैंकिंग कुल 100 अंकों के आधार पर तैयार की गई है. इसमें शामिल मानक इस प्रकार हैं:
- दाखिल-खारिज का पर्यवेक्षण – 25 अंक
- परिमार्जन प्लस का पर्यवेक्षण – 25 अंक
- अभियान बसेरा 2 – 20 अंक
- आधार सीडिंग की स्थिति – 5 अंक
- एडीएम कोर्ट – 2.5 अंक
- डीसीएलआर कोर्ट – 2.5 अंक
- ई-मापी – 10 अंक
- डीएम कोर्ट – 10 अंक
मुख्यालय स्तर पर हो रही सख्त निगरानी
राजस्व विभाग ने जिलों के प्रदर्शन पर निगरानी तेज कर दी है. विभाग के अपर मुख्य सचिव और सचिव ने कई जिलों में जाकर कार्यों की समीक्षा की है. इसके चलते जिलों में सकारात्मक प्रतिस्पर्धा बढ़ी है. खराब प्रदर्शन वाले जिलों के अधिकारियों के खिलाफ निलंबन जैसी सख्त कार्रवाइयां भी की जा रही हैं. सरकार का लक्ष्य है कि आमजन को राजस्व से जुड़ी सेवाएं सरल, सुलभ और समयबद्ध तरीके से मिल सकें.
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