Bihar News: बिहार पुलिस के निलंबित सहायक अवर निरीक्षक (एएसआई) सरोज सिंह पर शिकंजा कसता जा रहा है. हाल ही में भारी मात्रा में हथियारों की बरामदगी और अवैध गतिविधियों में संलिप्तता के बाद स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने इस केस को और गहराई से जांचने के लिए कई विशेष टीमों का गठन किया है. ये टीमें बिहार के विभिन्न जिलों के साथ-साथ झारखंड और दिल्ली तक फैले नेटवर्क पर छापेमारी कर रही हैं. बताया जा रहा है कि सरोज सिंह के गैंग से जुड़े कुछ सहयोगियों को भी पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है.
सेना भर्ती घोटाले से था लिंक
सरोज सिंह ने पूछताछ में खुलासा किया है कि वह न सिर्फ अवैध हथियारों के व्यापार में शामिल था, बल्कि सेना में नियुक्ति से जुड़ी अनियमितताओं में भी उसका हाथ रहा है. इससे एसटीएफ की जांच का दायरा और व्यापक हो गया है. उसके साथ गिरफ्तार परशुराम सिंह, मुन्ना यादव, विश्वजीत सिंह और निशांत कुमार राय से भी कई अहम जानकारियां मिली हैं, जिससे पूरे नेटवर्क का जाल सामने आ रहा है.
बेनामी संपत्ति का जाल खुला
छापेमारी के दौरान सरोज सिंह की बेनामी संपत्तियों का भी खुलासा हुआ है. पटना के सगुना मोड़ स्थित किराये के मकान, रूपसपुर में एक निजी रियल एस्टेट ऑफिस और समस्तीपुर में उसके घर से एसटीएफ को करोड़ों की संपत्ति के दस्तावेज मिले हैं. ये संपत्तियां अब तक बरामद की गई संपत्तियों से अलग हैं.
हथियार और कैश की भारी बरामदगी
सटीएफ की कार्रवाई के दौरान एके-47, इंसास राइफल, भारी संख्या में गोलियां, तीन लाख 40 हजार रुपये नकद, साढ़े चार करोड़ रुपये से अधिक की जमीन के कागजात और नोट गिनने की मशीन बरामद की गई है. इतनी बड़ी मात्रा में हथियारों की बरामदगी ने पूरे पुलिस महकमे में हड़कंप मचा दिया है.