Bihar News: बिहार सरकार ने सरकारी स्कूलों में पिछड़ा एवं अति पिछड़ा वर्ग के छात्रों की उपस्थिति बढ़ाने के लिए अफसरों को विशेष टास्क सौंपा है. अब अनुमंडल स्तर के पिछड़ा एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण पदाधिकारी खुद गांव, टोला और मोहल्लों में जाकर बच्चों को स्कूलों में नामांकन के लिए प्रेरित करेंगे. इसका उद्देश्य यह है कि कोई बच्चा शिक्षा से वंचित न रह जाए और स्कूलों की क्षमता का पूरा उपयोग हो.
कन्या आवासीय विद्यालयों में खाली सीट नहीं रहेगी
पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के प्रधान सचिव एच.आर. श्रीनिवास ने विभागीय योजनाओं की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में स्पष्ट निर्देश दिया कि अन्य पिछड़ा वर्ग कन्या आवासीय प्लस टू विद्यालयों में एक भी सीट खाली नहीं रहनी चाहिए. उन्होंने जिलावार स्कूलों की समीक्षा की और भवन निर्माण विभाग को अधूरे भवनों को शीघ्र पूरा करने का आदेश दिया.
छात्रावासों की गुणवत्ता पर जोर
प्रधान सचिव ने जननायक कर्पूरी ठाकुर छात्रावास सहित अन्य पिछड़ा वर्ग छात्रावासों की स्थिति की समीक्षा की. मधुबनी, बांका और किशनगंज जैसे जिलों में रखरखाव की स्थिति पर सवाल उठाए गए. उन्होंने स्पष्ट किया कि निर्माण कार्य में गुणवत्ता से समझौता नहीं होगा और सभी मशीनों के गारंटी दस्तावेज भी उपलब्ध कराए जाएं.
छात्रवृत्ति भुगतान और प्रमाणपत्रों की स्थिति
प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना की समीक्षा में पाया गया कि कटिहार में 1672 और मधेपुरा में 1513 छात्रों का भुगतान लंबित है. साथ ही सीतामढ़ी जिले में 4898 लाख रुपये के उपयोगिता प्रमाणपत्र भी लंबित हैं. उन्होंने निर्देश दिया कि सभी लंबित भुगतानों और प्रमाणपत्रों को शीघ्र निपटाया जाए. बैठक में अपर सचिव, उप सचिव, प्रमंडलीय उप निदेशक और जिला कल्याण पदाधिकारी भी उपस्थित रहे.
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