Bihar News: बिहार के रोहतास जिले के डालमियानगर थाना क्षेत्र से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक नवविवाहिता को उसके ससुराल में शौचालय उपयोग करने से भी वंचित कर दिया गया. मामूली पारिवारिक विवाद के बाद शुरू हुई प्रताड़ना ने ऐसी भयावह स्थिति पैदा कर दी कि महिला को अपनी ससुराल छोड़ मायके का सहारा लेना पड़ा. लेकिन अब, मानवाधिकार संगठन की पहल से सालभर बाद वह महिला फिर से अपने ससुराल लौट सकी है.
महिला के साथ मारपीट करता था शराबी पति
खजूरी निवासी कंचन देवी की शादी सात साल पहले गंगौली के राजगीर साह से हुई थी. शुरुआती कुछ सालों तक सबकुछ सामान्य रहा, लेकिन फिर पति और ससुराल वालों का व्यवहार बदल गया. कंचन के मुताबिक, पति को शराब की लत थी और अक्सर उसे मारपीट का सामना करना पड़ता था. पारिवारिक विवाद के बाद ससुरालवालों ने हद पार करते हुए उसे शौचालय का भी उपयोग नहीं करने दिया.
समझौते के बाद वापस आई ससुराल
बेइज्जती और प्रताड़ना से आहत कंचन ने अपनी बेटी खुशी को साथ लेकर मायके में शरण ली. बार-बार समझौते की कोशिशें नाकाम रहीं. आखिरकार, मानवाधिकार एसोसिएशन की पटना प्रमंडल अध्यक्ष र. सिन्हा, मनीषा श्रीवास्तव और डॉ. पाठक ने इस मामले में पहल की. उन्होंने दोनों पक्षों के बीच बातचीत कराई और समझौते के बाद कंचन देवी को ससम्मान उसके ससुराल वापस भिजवाया गया.
इस बीच पति ने घर में शौचालय का निर्माण कराया और भविष्य में कंचन को उचित सम्मान देने का वादा किया. कंचन देवी ने भी मानवाधिकार संगठन का आभार जताते हुए कहा कि बिना उनके हस्तक्षेप के यह संभव नहीं था.