# अब मोबाइल चोरी पर मत हों परेशान! करें शिकायत, पुलिस लौटाएगी आपकी ‘मुस्कान’
# ”ऑपरेशन मुस्कान” का हुआ व्यापक असर तीन सालों में लगभग आधी हुई मोबाइल छिनतई की घटना# पूरे बिहार में मोबाइल चोरी या छिनतई की घटना पर है पुलिस की पैनी नजर! जानिए क्यों मुख्यालय में हो रही रिपोर्टिंग.. संवाददाता,पटनाआज के दौर में मोबाइल सिर्फ एक डिवाइस नहीं, बल्कि आपकी यादें संजोने का एक बक्सा भी है. मोबाइल इस डिजिलट युग में दस्तावेजों को सहेजने का भी डिवाइस है. सिर्फ एक डिवाइस ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया से जुड़ने की कड़ी भी बन गया है. ऐसे में इसका खो जाना न केवल परेशानी का कारण बन जाता है, बल्कि यादें संजोने के इस बक्से का खो जाना उदासी का कारण भी बन जाता है. लेकिन, बिहार पुलिस ने बीते तीन वर्षों में इस उदासी के कारण को उम्मीदों की मुस्कान में बदल दिया है. बिहार पुलिस के ‘ऑपरेशन मुस्कान’ की वजह से बीते तीन सालों में 22,980 मोबाइल मालिकों के चेहरे की मुस्कान लौटाई जा चुकी है.
पुलिस ने भावनाओं से जुड़कर किया काम
बिहार पुलिस का ‘ऑपरेशन मुस्कान’ अब लोगों की भावनाओं से सीधे जुड़ चुका है. यह सिर्फ मोबाइल रिकवरी का मिशन नहीं, बल्कि भरोसे की वापसी भी है, जो हर मोबाइल रिकवरी के बाद एक कहानी बन जाता है. पिछले तीन वर्षों के दौरान, यानी साल 2023 से 2025 तक, राज्यभर में कुल 22,980 गुम या चोरी हुए मोबाइल फोन रिकवर कर उनके वास्तविक मालिकों को सौंपे जा चुके हैं.मोबाइल छिनतई की घटना पर भी लगा ब्रेक
साल 2023 में 11 हजार 609 मोबाइल लौटाये गये. वहीं 2024 में 8155 मोबाइल रिकवर कर इसे असली मालिकों तक पहुंचाया गया. 2025 में अब तक 3216 मोबाइल रिकवर कर लौटाये गये. गौर करने वाली बात यह है कि इस ऑपरेशन के शुरू के बाद से लगातार संख्या में गिरावट आ रही है. वहीं, मोबाइल छिनतई की घटना में भी भारी कमी दिखाई देती है. 2023 में 11,609 मोबाइल उनके असली स्वामियों को लौटाये गये2024 में 8,155 मोबाइल की रिकवरी कर मालिकों को सौंपा गया
2025 के जनवरी से अब तक 3,216 मोबाइल अपने मालिकों तक वापस पहुंच चुके हैंइस शिकायत को हल्के में नहीं लेती पुलिस
ऑपरेशन मुस्कान केवल मोबाइल रिवकरी का ऑपरेशन नहीं है, बल्कि ये आज जनता के विश्वास जीतने और इसे कायम रखने का ऑपरेशन भी बन गया है. इसलिए मोबाइल गुम हो जाने की शिकायत मिलते ही पुलिस उसे गंभीरता से लेकर तुरंत ट्रेसिंग की प्रक्रिया शुरू करती है. तकनीकी सहयोग से मोबाइल लोकेट कर संबंधित व्यक्ति तक उसे सुरक्षित लौटाया जाता है. इस सफलता को देखते हुए पुलिस मुख्यालय ने सभी जिलों को निर्देश दिया है कि मोबाइल चोरी या गुमशुदगी के मामलों को गंभीरता से लिया जाये. अब हर जिले से इस अभियान की प्रगति रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय तलब की जाती है, ताकि यह आकलन हो सके कि कहां कितनी तेजी से कार्रवाई हो रही है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है