Bihar Politics: भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता और प्राथमिक सदस्य असित नाथ तिवारी ने पार्टी की संवेदनहीनता से आहत होकर मंगलवार को भाजपा से इस्तीफा दे दिया और कांग्रेस में शामिल हो गए. कांग्रेस में शामिल होते ही उन्होंने भाजपा नेतृत्व पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि अब वे अपने जमीर से समझौता नहीं कर सकते.
मुजफ्फरपुर जिले के कुढ़नी में नौ वर्षीय दलित बच्ची के साथ हुए दुष्कर्म और इलाज के अभाव में हुई उसकी मौत की घटना को लेकर तिवारी ने पार्टी नेतृत्व पर गहरी नाराजगी जताई. उन्होंने कहा, “जिस समाज में जीना है, उसके लिए संवेदना होनी चाहिए. लेकिन भाजपा में संवेदना जैसे शब्द का कोई मूल्य नहीं है.”
“मैं भावनाएं मारकर राजनीति नहीं कर सकता”
तिवारी ने बताया कि उन्होंने इस अमानवीय घटना के खिलाफ सोशल मीडिया पर आवाज उठाई, लेकिन भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने उन पर पोस्ट डिलीट करने का दबाव बनाया. “मुझसे कहा गया कि मैं अब पत्रकार नहीं, भाजपा नेता हूं, इसलिए ऐसे मामलों को नजरअंदाज करूं. लेकिन मेरे लिए इंसानियत पहले है. इसलिए मैंने पार्टी छोड़ दी.”
“बीजेपी के लिए दलित बच्ची की मौत सिर्फ आंकड़ा”
उन्होंने कहा कि बिहार के अस्पतालों की बदहाल व्यवस्था पर जब उन्होंने सवाल उठाए तो स्वास्थ्य मंत्री की वाहवाही करने वालों ने उन्हें चुप कराने की कोशिश की. तिवारी ने कहा कि “जब एक सांसद और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल ने मेरी पोस्ट डिलीट कराई, तब मैंने तय कर लिया कि मैं अब इस पार्टी का हिस्सा नहीं रह सकता.”
कांग्रेस में जताया भरोसा
कांग्रेस में शामिल होकर तिवारी ने कहा कि अब वह ऐसी पार्टी के साथ हैं, जहां इंसानियत और सामाजिक न्याय के लिए आवाज उठाने की आज़ादी है. उन्होंने कहा कि अब उनका मकसद उन मुद्दों पर काम करना है जो आम लोगों की ज़िंदगी से जुड़े हैं. खासकर उन आवाज़ों के लिए जो अक्सर सत्ता के गलियारों में दबा दी जाती हैं.
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