Bihar Politics: बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता अजय आलोक ने बिहार में मतदाता सूची की जांच को लेकर बड़ा बयान देकर विपक्ष की नींद उड़ा दी है. उन्होंने कहा कि संविधान में हर 10 साल में वोटर लिस्ट के संशोधन का स्पष्ट प्रावधान है, फिर इस पर आपत्ति क्यों जताई जा रही है? उन्होंने सीधे तौर पर विपक्षी नेताओं पर हमला करते हुए ममता बनर्जी, तेजस्वी यादव, अखिलेश यादव और राहुल गांधी को आड़े हाथों लिया.
‘बांग्लादेशी वोटर हटेंगे, इसलिए मची है बेचैनी’
अजय आलोक ने अपने बयान में तीखा व्यंग्य करते हुए कहा, “ममता, तेजस्वी, अखिलेश और खटाखट बाबा को परेशानी हो रही है, क्योंकि उनके बांग्लादेशी भाई-बंधुओं के नाम वोटर लिस्ट से कट जाएंगे.” उनके इस बयान ने बिहार की सियासी गलियों में गर्मी ला दी है. आलोक का दावा है कि विपक्ष को डर है कि फर्जी वोटरों की पहचान हो जाएगी, जिससे उनका वोट बैंक कमजोर होगा.
CAA और NRC पर ममता बनर्जी को घेरा
अजय आलोक ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर भी जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) संसद से पास हो चुके हैं, ऐसे में इन्हें लागू करना अब एक संवैधानिक कर्तव्य है. उन्होंने आरोप लगाया कि ममता को इसीलिए परेशानी है क्योंकि उनके बांग्लादेशी समर्थक देश से बाहर कर दिए जाएंगे. बीजेपी प्रवक्ता के इस बयान ने CAA-NRC पर एक बार फिर से विपक्ष और सत्ताधारी पार्टी के बीच तीखी बहस को जन्म दे दिया है.
संविधान समीक्षा पर दिया समर्थन
RSS के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले द्वारा संविधान की समीक्षा की मांग पर अजय आलोक ने समर्थन जताते हुए कहा कि संविधान में ‘समाजवाद’ और ‘धर्मनिरपेक्ष’ जैसे शब्द 1970 के दशक में आपातकाल के दौरान जोड़े गए थे, जब विपक्ष जेल में था. आलोक ने इसे संविधान निर्माता बाबासाहेब अंबेडकर के मूल विचारों से छेड़छाड़ बताया. उन्होंने कहा कि जब संसद में पूरा विपक्ष मौजूद है, तो संविधान की समीक्षा पर खुली बहस होनी चाहिए.
विपक्ष का पलटवार
अजय आलोक के इन बयानों पर विपक्ष ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. RJD नेता तेजस्वी यादव ने इसे बीजेपी की “विभाजनकारी राजनीति” बताया. उन्होंने कहा कि यह सब अल्पसंख्यकों को डराने और देश को बांटने की साजिश का हिस्सा है. वहीं, TMC ने भी बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि वे लोकतंत्र को कमजोर कर रहे हैं और धार्मिक ध्रुवीकरण की राजनीति कर रहे हैं.
बीजेपी का बचाव
बीजेपी की ओर से बयान आया है कि अजय आलोक ने जो भी कहा, वह संवैधानिक प्रक्रियाओं के दायरे में है. पार्टी ने कहा कि विपक्ष को राजनीतिक बयानबाजी छोड़कर तथ्यों पर चर्चा करनी चाहिए.
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