Bihar Politics: पटना. लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान का जातिगत जनगणना को लेकर बड़ा बयान सामने आया है. उन्होंने जातिगत जनगणना का समर्थन किया है, लेकिन इसे सार्वजनिक करने का विरोध किया है. चिराग पासवान ने कहा कि जातिगत जनगणना से सरकार को लोगों के लिए विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं को तैयार करने के लिए डेटा मिलेगा, लेकिन ऐसे डेटा को सार्वजनिक नहीं किया जाना चाहिए. इससे जातिवाद को बढ़ावा मिल सकता है.
जाति की राजनीति का मैं समर्थन नहीं
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वो जातिगत जनगणना के समर्थन में हैं, लेकिन जाति की राजनीति का समर्थन नहीं करते. जाति देश में एक कठोर वास्तविकता है. सरकार भी भेदभाव और लोगों के उत्थान के लिए कई सरकारी योजनांए शुरू करती है, जो जाति पर आधारित है. इसलिए प्रदेश की सरकारों के पास जाति के आंकड़े होने चाहिए. वक्फ संसोधन विधेयक पर चिराग पासवान ने कहा कि इससे कुछ इलाकों में मुसलमानों के बीच अविश्वास फैलने की प्रवृति है वो चाहे सीएए को लेकर हो फिर चाहे धारा 370 को लेकर हो. उन्होंने कहा कि समय की मांग यही कहती है कि बिहार के विकास के लिए बहुत काम किया जाना चाहिए. राज्य और केंद्र में गठबंधन सरकार होने से इसे हासिल करने में भी मदद मिलेगी.
मेरे पास बिहार फर्स्ट, उनके पास MY
चिराग पासवान ने कहा कि वे ‘बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट’ की अवधारणा में विश्वास रखते हैं, जबकि विपक्ष के पास एमवाई (MY) का फॉर्मूला है. उनकी पार्टी के पांच सांसदों में से दो महिलाएं हैं. वे 14 करोड़ बिहारियों की बात करते हैं. इसके साथ ही पासवान ने दावा किया कि बिहार में चुनाव जीतकर एनडीए एक बार फिर सत्ता में वापसी करेगा. विपक्षी दल राजद की ओर से महिलाओं को बैंक खातों में दी जाने वाली राशि की घोषणाओं को लेकर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बैंकों में पैसा जमा कराने से महत्वपूर्ण शिक्षा और स्वास्थ्य मुफ्त होना चाहिए. 2047 तक हमें एक विकसित राष्ट्र बनाना है, जिसके बाद इन चीजों का इस्तेमाल सेवाओं पर किया जाएगा.
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