Bihar Politics: भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल के आरोपों पर जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने कड़ा पलटवार किया है. बीजेपी द्वारा लगाए गए फर्जी सोशल मीडिया अकाउंट से प्रचार करने के आरोप को उन्होंने सिरे से खारिज कर दिया. प्रशांत किशोर ने दो टूक कहा कि दिलीप जायसवाल को सोशल मीडिया का कोई ज्ञान नहीं है और जिन अकाउंट्स की बात की जा रही है, उन्हें 2016 से बीजेपी के ही दो लोग चला रहे हैं. उन्होंने दावा किया कि यदि किसी भी जांच में आरोप सिद्ध हो जाते हैं तो वे राजनीति छोड़ देंगे.
मेडिकल कॉलेज कब्जे का गंभीर आरोप
प्रशांत किशोर ने पलटवार में दिलीप जायसवाल पर सीमांचल में अल्पसंख्यकों के मेडिकल कॉलेज पर कब्जा करने का गंभीर आरोप भी लगाया. उन्होंने मांग की कि इस कॉलेज और इसके मालिक रहे सरदार जी की संदिग्ध हत्या की जांच भी होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को सिर्फ राजनीतिक नहीं, बल्कि न्याय का मामला माना जाना चाहिए. किशोर ने कहा कि एक ओर जहां उनके खिलाफ साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराई गई, वहीं जायसवाल को चुनौती दी कि अगर वे सही हैं तो डीजीपी के साथ मिलकर निष्पक्ष जांच करवाएं.
“आरोप सच निकला तो राजनीति छोड़ दूंगा”
किशोर ने यह भी कहा कि यदि एक भी आरोप उनके खिलाफ सही साबित हो जाए तो वे राजनीति से संन्यास ले लेंगे. लेकिन अगर वे निर्दोष साबित हुए तो दिलीप जायसवाल को पूरे बिहार की जनता, खासकर युवाओं से हाथ जोड़कर माफी मांगनी होगी. उन्होंने दिलीप पर तंज कसते हुए कहा, “इस आदमी को सिर्फ कॉलेज कैसे कब्जा करना है, यही आता है.” किशोर का यह बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है और बिहार की सियासत को गर्मा रहा है.
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