Bihar Politics: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने 10 जून 2025 को अपने 11 साल पूरे कर लिए. बीजेपी ने इस मौके पर ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास’ को अपना मूल मंत्र बताते हुए देशभर में जश्न का माहौल बनाया. पार्टी का दावा है कि इन वर्षों में भारत ने कई ऐतिहासिक उपलब्धियां हासिल की हैं और विश्व पटल पर अपनी अलग पहचान बनाई है.
रोहिणी आचार्य का तीखा प्रहार
आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव की बेटी और समाजसेवी रोहिणी आचार्य ने मोदी सरकार की 11वीं वर्षगांठ पर एक्स प्लैटफॉर्म के जरीए तीखा हमला बोला है. उन्होंने पोस्ट में लिखा, “देश की बदहाली के ग्यारह साल…”. साथ ही उन्होंने वर्तमान सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं.
रोहिणी आचार्य का एक्स पोस्ट
रोहिणी आचार्य ने पोस्ट में कहा है, “नेहरू जी, इंदिरा जी, यूपीए की सरकारों की उपलब्धियों में जबरिया खोट निकालते-निकालते, पूर्ववर्ती सरकार की उपलब्धियों को अपना बताते-बताते ही बीत गए मोदी सरकार के ग्यारह साल. ग्यारह सालों में कुछ ऐसा किया ही नहीं जिसे ये सरकार बता सके बेमिसाल, अर्थव्यवस्था कर दी फटेहाल और देश को दिया भ्रष्टाचार, बलात्कार व झूठे प्रचार का उपहार.”
‘डॉलर के मुकाबले कमजोर होता रुपया’
रोहिणी आचार्य ने आगे अपने पोस्ट में देश की जमीन पर विदेशी अतिक्रमण, सीमा पार से धड़ल्ले से जारी घुसपैठ, अनवरत आतंकवाद का प्रहार, कमरतोड़ बेलगाम महंगाई, बेहिसाब बेरोजगारी, डॉलर के मुकाबले दिन-ब-दिन कमजोर होता रुपया, देश पर विदेशी कर्जे का ऐतिहासिक बोझ, गलत विदेश-नीति से वैश्विक पटल पर अलग-थलग पड़ता भारत, पूर्वोत्तर के राज्य मणिपुर में पिछले दो वर्षों से कायम अराजकता, संवैधानिक संस्थाओं-व्यवस्थाओं पर कब्जे की कोशिशें, संविधान को बदलने की कुत्सित मंशा का आरोप लगाया है.
रोहिणी आचार्य ने लगाए कई गंभीर आरोप
वे आगे लिखती हैं, “विपक्ष के खिलाफ सरकारी एजेंसियों का बेजा इस्तेमाल, सैन्य-बलों के पराक्रम व सेना के अभियानों को अपना श्रेय बता चुनावी-राजनीतिक फायदा लेने की कवायदें, सामाजिक-धार्मिक वैमनस्यता-विद्वेष का एक सूत्री एजेंडा, अल्पसंख्यकों-दलितों की प्रताड़ना, महीने भर के लिए मात्र पांच किलो अनाज का झोला, चुनी गई सरकारों को गिराने की साजिशें, सवाल उठाने वालों पर दमनात्मक-प्रतिशोधात्मक कार्रवाई, बलात्कारियों, यौनचारियों, भ्रष्टाचारियों को संरक्षण, संसाधनों-सरकारी उपक्रमों को अपने पूंजीपति मित्रों को सौंपे जाने का सिलसिला, यही सब तो पिछले ग्यारह सालों में देश को मोदी सरकार से मिला है, मगर बड़ी बेशर्मी से पीठ खुद ही थपथपाने का जारी है सिलसिला.”
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