Bihar Portable Hospital: बिहार को पोर्टेबल हॉस्पिटल भीष्म क्यूब मिल गया है. बिहार में अब आपदा के वक्त मरीजों के पास सिर्फ एंबुलेंस नहीं बल्कि सीधा हॉस्पिटल ही पहुंचेगा. यह एक खास क्यूब है, जिससे 20 मिनट में अस्पताल और 12 मिनट में कहीं भी ऑपरेशन थियेटर को तैयार किया जा सकेगा. भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय की ओर से दुनिया का पहला पोर्टेबल अस्पताल तैयार किया गया है. इसे पहली बार अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के दौरान प्रदर्शित किया गया था.
पटना एम्स में आज होगा डेमो
आज 29 जुलाई को पटना एम्स में डेमो भी होने वाला है. इससे मिलने वाली सुविधाओं की बात करें तो, एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड और मॉनिटरिंग डिवाइस जैसी फैसिलिटी मिलेगी. 72 मिनी क्यूब को मिलाकर एक क्यूब तैयार किया गया है. जिसमें 200 मरीजों का इलाज किया जा सकता है. जानकारी के मुताबिक, गोली लगने के घाव, जलने, सिर, रीढ़ की हड्डी और छाती की चोटों, छोटी सर्जरी, फ्रैक्चर और गंभीर बल्ड लॉस को कंट्रोल किया जा सकता है. यह हल्का और पोर्टेबल होने के कारण एयरड्रॉप से लेकर जमीनी परिवहन तक कहीं भी आ-जा सकता है.
देश के सभी एम्स को मिली यूनिट
जानकारी के मुताबिक, भीष्म क्यूब एक ट्रॉमा केयर सेंटर की तरह काम करता है. सुदूर इलाके में परेशानी होने के कारण इसे वहां भेजा जा सकेगा. इसे पहाड़ी, ग्रामीण और सीमावर्ती इलाकों में तुरंत तैनात किया जा सकता है. इतना ही नहीं, हर रोज 10-15 सर्जरी किया जा सकता है. वहीं, भारत सरकार की ओर से देश के सभी एम्स को एक एक यूनिट दी गई है. ऐसे में पटना एम्स को भी एक यूनिट मिला है. जिसका आज डेमो होगा. बिहार के सुदूर इलाके के लोगों के लिए यह लाभदायक माना जा रहा है.
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