Bihar School: बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव (एसीएस) एस सिद्धार्थ ने अब बच्चों की स्कूल उपस्थिति को लेकर सख्त रुख अपनाया है. उन्होंने स्पष्ट कहा है कि सरकार उन बच्चों की जिम्मेदारी नहीं ली जा सकती जो नियमित स्कूल नहीं आते. शिक्षा पर खर्च होने वाले सरकारी संसाधनों का सही उपयोग तभी संभव है जब छात्र स्कूल आएं. एस. सिद्धार्थ का कहना है कि सिर्फ नामांकन करवा कर बच्चे ट्यूशन में चले जाते हैं, यह पूरी तरह अवैध और अस्वीकार्य है.
बच्चों के माता-पिता को नोटिस भेजें
उन्होंने निर्देश दिए हैं कि यदि कोई छात्र नियमित स्कूल नहीं आता है, तो प्रधानाध्यापक और शिक्षक उसके माता-पिता को नोटिस भेजें. अगर सुधार नहीं हुआ तो छात्र का नाम स्कूल से काट दिया जाएगा. सिर्फ 50 दिन स्कूल आकर गुणवत्ता वाली शिक्षा की उम्मीद करना भी तर्कसंगत नहीं है. कुल 270 कार्यदिवस में बच्चे की न्यूनतम उपस्थिति सुनिश्चित करनी ही होगी.
सरकारी स्कूलों में भी अब सख्ती जरूरी है
सरकार द्वारा दी जाने वाली सुविधाएं, जैसे मुफ्त पुस्तकें, छात्रवृत्ति, शिक्षकों की बहाली, सब व्यर्थ हो जाएंगी यदि बच्चे स्कूल नहीं आएंगे. एसीएस ने कहा कि यह एकतरफा प्रयास नहीं हो सकता, सभी को जिम्मेदारी लेनी होगी. उन्होंने यह भी जोड़ा कि अगर प्राइवेट स्कूलों में गैरहाजिरी पर टीसी दी जा सकती है, तो सरकारी स्कूलों में भी अब सख्ती जरूरी है. अब गैरहाजिर बच्चों की जवाबदेही तय की जाएगी.