बिहार सिपाही भर्ती परीक्षा में फर्जीवाड़ा करने वाले गिरोह का खुलासा हुआ है. शेखपुरा पुलिस ने 20 जुलाई को हुई परीक्षा में फर्जीवाड़ा करने के आरोप में 15 लोगों को गिरफ्तार किया है. इनमें अधिकतर फर्जी बायोमेट्रिक ऑपरेटर के रूप में काम कर रहे थे. गिरफ्तार लोगों में मास्टरमाइंड गोरोलाल यादव (24 वर्ष) भी शामिल है जो नवादा जिले का रहने वाला है.
इन जिलों के आरोपित गिरफ्तार
गिरफ्तार हुआ मास्टरमाइंड गोरेलाल नवादा जिले के गोविंदपुर के हरिनारायणपुर गांव का रहने वाला है. वहीं गोरेलाल के अलाव नवादा जिले के चार, शेखपुरा के सात, भोजपुर के दो, गयाजी जिले का एक परीक्षार्थी शामिल है. जिनमें दो महिला अभ्यर्थी भी हैं जो इस गिरोह का हिस्सा है.
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ऐसे धराए फर्जी ऑपरेटर
शेखपुरा के एसपी बलिराम कुमार चौधरी ने बताया कि बायोमेट्रिक के काम काम के संचालन का जिम्मा हैदारबाद की एक कंपनी सायनासोर को दिया गया था. इसमें स्थानीय युवाओं को भी रखा जाता है. सूचना के आधार पर परीक्षा शुरू होने से पहले सभी सेंटरों पर बायोमेट्रिक ऑपरेटर की जांच शुरू की गयी. इस्लामियां उच्च विद्यालय में बायोमेट्रिक ऑपरेटर की जांच में पाया गया कि सचिन कुमार की जगह फर्जी आइडी कार्ड बनाकर चिंटू कुमार काम कर रहा था. इसी सेंटर पर सिकंदर कुमार भी फर्जी ऑपरेटर बनकर काम करता धराया. दोनों ने पूछताछ में मास्टरमाइंड गोरेलाल यादव का नाम उगला.
गिरोह में 18 लोग, सभी सेंटरों पर सेटिंग की थी योजना
इस गिरोह में अन्य लोगों को शामिल करके सिपाही भर्ती परीक्षा में सभी सेंटरों पर परीक्षार्थियों से सेटिंग करके चीटिंग कराने की योजना बनायी गयी थी. इस गिरोह में शामिल 18 लोगों को चिन्हित किया गया है जिसमें 13 लोगों के साथ 2 परीक्षार्थी गिरफ्तार हुए हैं. इधर, पटना पुलिस ने भी बिहार पुलिस भर्ती परीक्षा में सेटिंग करने वाले एक गिरोह के तीन शातिरों को गिरफ्तार किया है.