Bihar Teacher Transfer: बिहार में 1.30 लाख शिक्षकों के जिले स्तरीय तबादले की प्रक्रिया पूरी होने के बाद अब स्कूलों में इनकी पोस्टिंग की कवायद शुरू हो गई है. इसके लिए शिक्षा विभाग ने समुचित कार्ययोजना तैयार की है. सभी जिलों के जिला शिक्षा पदाधिकारियों (DEO) को इसे लेकर विस्तृत दिशा-निर्देश दी गई है.विभाग को तबादले से संबंधित 1 लाख 90 हजार 226 आवेदन शिक्षकों की तरफ से प्राप्त हुए थे. इसमें पारदर्शिता और गोपनीयता बरतने के लिए विभाग की तरफ से यह नई व्यवस्था की गई है.
ट्रांसफर का कारण नहीं देख पाएंगे डीईओ
जिला शिक्षा पदाधिकारियों को शिक्षकों के स्थानांतरण की जिम्मेदारी सौंपी गई है. हालांकि डीईओ शिक्षक का नाम, आईडी, पूर्व पदस्थापित विद्यालय और तबादले का कारण नहीं देख पाएंगे.
विद्यालय आंटन के लिए बनाई गई गाइडलाइन
- जिला शिक्षा पदाधिकारी के लॉग-इन में उन सभी शिक्षकों की सूची भेज दी गई है, जो पहले से उस जिले में पदस्थापित थे या अन्य जिलों से स्थानांतरण के बाद आए हैं.
- श्रेणीवार शिक्षकों की सूची डीईओ के लॉग-इन में उपलब्ध होगी, लेकिन डीईओ इस सूची को नहीं देख सकेंगे.
- शिक्षा विभाग के पोर्टल पर डीईओ को एक बार में किसी एक शिक्षक की जानकारी ही दिखेगा. शिक्षक आईडी नहीं दिखेगी, लेकिन अन्य विवरणी मसलन कोटि, विषय, वर्ग, पंचायतों का विकल्प दिख सकेगा। इसका मकसद पारदर्शिता को बनाए रखना है.
- डीईओ के लॉग-इन में प्रदर्शित शिक्षक के सामने अंकित ‘प्रोसिड’ बटन पर क्लिक करने पर उस शिक्षक के भरे सभी पंचायतों के विकल्प खुलेंगे. इसमें उपलब्ध रिक्ति के आधार पर विद्यालय आवंटन की कार्रवाई की जाएगी. अगर शिक्षक की ओर से भरे गए 10 विकल्पों में से किसी में रिक्ति नहीं हो तो डीईओ विकल्प में दिए गये पंचायत के निकटतम किसी पंचायत का विद्यालय आवंटित करेंगे.
- पोर्टल पर ऐसी व्यवस्था की गई है कि एक शिक्षक के आवेदन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही डीईओ के समक्ष दूसरे शिक्षक का आवेदन प्रदर्शित हो सकेगा।
- डीईओ किसी भी शिक्षक के आवेदन को अनदेखा नहीं कर सकेंगे.
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दूसरे चरण में आवेदन करेंगे शेष शिक्षक
वैसे शिक्षक जो अपने तबादले से असंतुष्ट हैं, वे स्थानांतरित विद्यालय में योगदान देने के बाद डीईओ को फिर से आवेदन कर सकते हैं. इनके आवेदनों का निपटारा दूसरे चरण में किया जाएगा. ऐसे शिक्षक ई-शिक्षाकोष से अपना आवेदन वापस भी ले सकते हैं या अपने आवेदन को डिलीट कर नये सिरे से अपने लिए अन्य विकल्प चुन सकते हैं. इन सभी आवेदनों पर दूसरे चरण में जिलों में रिक्ति की उपलब्धता और छात्र शिक्षक अनुपात के आधार पर विचार किया जायेगा.
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इन जिलों पर मिलेगी प्राथमिकता
विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक शिवहर, सीतामढ़ी, पूर्णिया, पूर्वी चम्पारण, अररिया, कटिहार, खगड़िया, सुपौल, बांका, जमुई, किशनगंज, लखीसराय, भागलपुर और मधुबनी जिलों में छात्र-शिक्षक अनुपात औसत से काफी अधिक है. नया विकल्प चुनते समय शिक्षक यदि इन जिलों का विकल्प चुनते हैं, तो उसपर यथाशीघ्र विचार किया जाएगा.