बिहार में वज्रपात से 35 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. पिछले तीन दिनों का यह आंकड़ा है. बिहार में मानसून फिर एकबार सक्रिय हुआ तो मौसम बिगड़ा. इस दौरान बारिश जमकर हुई और आकाशीय बिजली भी अनेकों जगहों पर गिरी. ठनके की चपेट में मासूम से लेकर बुजुर्ग तक आए. मौसम बिगड़ने पर खुले में मौजूद लोगों पर यह बिजली मौत बनकर गिरी और तीन दिनों में कम से कम 35 लोगों की जान चली गयी. कहीं क्रिकेट खेल रहे बच्चे तो कहीं बाइक पर जा रहे युवक और कहीं खेत में काम कर रहे किसान की मौत हुई है.
गुरुवार को कम से कम 12 लोगों की हुई मौत
गुरुवार को प्रदेश के विभिन्न जिलों में ठनके की चपेट में आने से 12 से अधिक लोगों की मौत हुई है. शेखपुरा में सबसे अधिक चार लोगों की मौत हुई. भागलपुर में तीन और नालंदा, आरा , हाजीपुर व गया में भी एक-एक व्यक्ति की मौत हुई. कहीं भैंस चरा रहा युवक तो कहीं खेत में काम कर रहे किसान के ऊपर ठनका गिरा और उनकी मौत हो गयी. अधिकतर वो लोग हादसे का शिकार बने हैं जो पशु चराने निकले थे या खेत पर काम कर रहे थे.
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भागलपुर में जिस पेड़ के नीचे बैठे थे किसान, उसी पर गिरा ठनका
भागलपुर में तीन लोगों की मौत वज्रपात से हुई है. गुरुवार को अलग-अलग जगहों पर हुए हादसों में तीन लोगों की जान गयी. नाथनगर में रबल तोड़ने गए किसान एक पेड़ के नीचे बैठक आराम कर रहे थे. अचानक बारिश शुरू हुई और ठनका उस पेड़ पर ही गिर गया. पेड़ के नीचे बैठे चारो लोग इससे झुलस गए. एक किसान की मौत हो गयी. गंभीर रूप से झुलसे अन्य लोगों को आनन-फानन में अस्पताल लाया गया. नवगछिया के रंगरा में भी एक पशुपालक की मौत ठनके से हुई है. जबकि सुलतानगंज के बाथ थाना क्षेत्र के करहरिया में एक युवती की मौत वज्रपात से हुई.
तीन दिनों में 35 से अधिक मौत
पिछले तीन दिनों में बिहार में 35 से अधिक लोगों की मौत ठनके से हुई है. मंगलवार को 9 लोगों की मौत हुई जबकि बुधवार को 15 लोगों की मौत आकाशीय बिजली के चपेट में आकर हुई. वहीं गुरुवार को कम से कम 12 लोगों की मौत की जानकारी सामने आयी है.