Bihar: बिहार में भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी न्यायिक कार्रवाई करते हुए निगरानी कोर्ट के विशेष न्यायाधीश ब्रजेश कुमार पाठक ने पूर्व सहायक महानिरीक्षक (AIG) अजय कृष्ण मिश्रा, उनकी पत्नी मीना मिश्रा और बच्चों के नाम से अर्जित 2 करोड़ 81 लाख रुपये की अवैध संपत्ति ज़ब्त करने का आदेश सुनाया है. कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि एक माह के भीतर सारी ज़ब्त संपत्तियां संबंधित जिलाधिकारियों को सरकार के पक्ष में सौंप दी जाएं.
SVU की जांच से खुला था भ्रष्टाचार का जाल
पूर्व एआईजी के खिलाफ 27 अगस्त 2014 को विशेष निगरानी इकाई (SVU) ने आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया था. जांच में यह सामने आया कि उन्होंने पद पर रहते हुए अवैध तरीके से कई राज्यों में ज़मीन, फ्लैट, दुकानें और चल-अचल संपत्तियां खरीदी थीं. दिलचस्प बात यह है कि ये संपत्तियां केवल उनके नाम नहीं, बल्कि पत्नी, बेटे और बेटी के नाम से भी ली गई थीं, ताकि कानून की आंखों में धूल झोंकी जा सके.
इन शहरों में फैली थी बेहिसाब दौलत
विशेष लोक अभियोजक राजेश कुमार के अनुसार अजय कृष्ण मिश्रा ने दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, गाजियाबाद, पटना और दरभंगा जैसे शहरों में बेशकीमती संपत्तियां खड़ी की थीं. जब्त की जाने वाली प्रमुख संपत्तियों में शामिल हैं.
- गाजियाबाद में एक आलीशान फ्लैट
- दरभंगा में दो कट्ठा ज़मीन और एक इमारत
- पटना के गोरियाटोली स्थित अपार्टमेंट में दुकान
- आर्य समाज रोड और राजीव नगर रोड-25 में फ्लैट
- सगुना मोड़, मुंबई, बेंगलुरु, और गर्दनीबाग में फ्लैट और जमीन
- बैंक खातों में लाखों रुपये की FD और डाकघर में निवेश
सरकारी सेवा में रहकर बनाया निजी साम्राज्य
अजय कृष्ण मिश्रा का नाम उस दौर में सामने आया जब बिहार सरकार के भीतर आय से अधिक संपत्ति रखने वाले अफसरों पर शिकंजा कसना शुरू हुआ था. उन्होंने सरकारी पद का उपयोग कर सिस्टम की कमजोरियों का फायदा उठाया और एक निजी साम्राज्य खड़ा कर लिया.
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अब सरकार के अधीन जाएगी हर सम्पत्ति
कोर्ट के आदेश के बाद अब मिश्रा परिवार की सारी संपत्तियां सरकार के नाम होंगी. निगरानी कोर्ट ने इस फैसले को नजीर बताते हुए साफ कहा है कि भ्रष्टाचार करने वालों के लिए बिहार में अब कोई जगह नहीं. पुलिस और प्रशासन को कोर्ट ने हर आदेश का पालन सुनिश्चित कराने को कहा है.