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देश के मुकाबले बिहार के बच्चे ज्यादा स्मार्ट, सरकारी स्कूलों में सीखने की रफ्तार हुई तेज

Bihar Children: ASER (वार्षिक शिक्षा स्थिति रिपोर्ट) रिपोर्ट 2024 के अनुसार राष्ट्रीय स्तर पर दो वर्ष की अवधि के दौरान 6.3% अंक का सुधार हुआ है.

Bihar Children: पटना. बिहार के स्कूलों में भी सीखने के परिणाम में सुधार देखा गया है, लेकिन प्रगति की गति धीमी है. पूरे देश में सरकारी स्कूलों में कक्षा 5 के छात्रों के पढ़ने का स्तर 2024 में बढ़कर 44.8% हो गया, जबकि बिहार में यह 41.2% है, जो 2022 में 37.1% से ज्यादा है. ASER (वार्षिक शिक्षा स्थिति रिपोर्ट) रिपोर्ट 2024 के अनुसार राष्ट्रीय स्तर पर दो वर्ष की अवधि के दौरान 6.3% अंक का सुधार हुआ है. रिपोर्ट की अहम बात ये है कि सरकारी स्कूलों में पढ़ाई के स्तर में 4.1% का सुधार हुआ है, जबकि निजी स्कूलों ने 2022 की तुलना में पढ़ने के स्तर में -7.2% की गिरावट देखी गई है.

बिहार के स्कूलों सुधरा पढ़ाई का स्तर

रिपोर्ट कोरोना महामारी के बाद अधिकतर राज्यों में पढ़ाई के स्तर में सुधार की ओर इशारा करती है. अंकगणित में 36.2% बच्चे एक अंक के विभाजन द्वारा सरल तीन अंकों को हल कर सकते हैं (जो 2018 में 29.9% और 2022 में 35.6% से ज्यादा है). निजी स्कूलों ने 2022 की तुलना में केवल 0.6% अंक का सुधार दिखाया, लेकिन सरकारी स्कूलों में यह सुधार 2.5% अंक था. रिपोर्ट में कहा गया है कि निजी स्कूलों में सीखने का स्तर ऊंचा बना हुआ है. राज्य में कक्षा के अनुरूप पढ़ाई एक चुनौती बनी हुई है. कक्षा 3 में केवल 26.3% बच्चे, कक्षा 2 का सरल पाठ पढ़ सकते हैं, जो 2022 में 19.8% से ज्यादा है, जबकि 2022 में 28.8% की तुलना मेंकेवल 37.5% बच्चे साधारण घटाव कर पाते हैं. लगभग 60% और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में 53% बना हुआ है, जो उच्च नामांकन के बावजूद राष्ट्रीय औसत सेकम है.

बुनियादी ढांचे के मामले में भी हुआ सुधार

सुविधाओं और बुनियादी ढांचे के मामले में भी बिहार में लगातार सुधार हुआ है. सर्वेक्षण के दिन मध्याह्न औसत उपलब्धता 2018 में 84.5% से बढ़कर 2024 में 92.9% हो गई, जबकि शौचालयों की उपलब्धता 2018 में 75.6% से बढ़कर 2024 में 82.5% हो गई, लड़कियों के लिए शौचालय सुविधाओं में व्यापक सुधार के साथ 63.6% तक पहुंच गई. रिपोर्ट के अनुसार बिहार में 14-16 आयु वर्ग के 82.1% किशोरों के पास स्मार्ट फोन है, जबकि राष्ट्रीय औसत 89.1% है. हालांकि, जानकारी के लिए ब्राउज़ करने में, राष्ट्रीय औसत 79.3 की तुलना में बिहार में 80.9% है.

वीडियो खोजने या व्हाट्सएप का उपयोग करने में बेहतर

वहीं वीडियो खोजने या व्हाट्सएप का उपयोग करने में बिहार के किशोरों (86.1%) ने बेहतर प्रदर्शन किया है. वहीं किसी भी तरह के प्री-स्कूलों में नामांकित 3-5 वर्ष की आयु के ग्रामीण युवा बच्चों का अनुपात 2018-2024 के बीच बढ़ गया. 2024 में राष्ट्रीय स्तर पर 3 वर्ष की आयु के 67% बच्चेऔर 4 वर्ष की आयु के 58% बच्चे ग्रामीण भारत की आंगनवाड़ियों में नामांकित थे, जबकि बिहार में 68.9% (3 वर्षकी आयु) और 66.9% (4 वर्षकी आयु) है, जो राष्ट्रीय स्तर से ज्यादा है.

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Ashish Jha
Ashish Jha
डिजिटल पत्रकारिता के क्षेत्र में 10 वर्षों का अनुभव. लगातार कुछ अलग और बेहतर करने के साथ हर दिन कुछ न कुछ सीखने की कोशिश. वर्तमान में पटना में कार्यरत. बिहार की सामाजिक-राजनीतिक नब्ज को टटोलने को प्रयासरत. देश-विदेश की घटनाओं और किस्से-कहानियों में विशेष रुचि. डिजिटल मीडिया के नए ट्रेंड्स, टूल्स और नैरेटिव स्टाइल्स को सीखने की चाहत.

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