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पटना से ऑपरेट हो रहा था हाईटेक साइबर ठगी, पुलिस ने मास्टरमाइंड समेत तीन को धर दबोचा

Bihar News: भोजपुर साइबर थाना पुलिस ने एक अंतरराज्यीय ठग गिरोह का पर्दाफाश किया है. गैंग का संचालन पटना के दानापुर से हो रहा था. मास्टरमाइंड समेत तीन ठगों को गिरफ्तार किया गया है, जो देशभर में फर्जी ई-कॉमर्स कंपनी के नाम पर करोड़ों की ठगी कर चुके हैं.

Bihar News: बिहार के भोजपुर जिले की साइबर थाना पुलिस ने एक बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए अंतरराज्यीय साइबर ठग गिरोह का पर्दाफाश कर दिया है. पुलिस ने इस गैंग से जुड़े तीन शातिर आरोपियों को पटना के दानापुर से गिरफ्तार किया है. सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि ये लोग फर्जी ई-कॉमर्स कंपनी की आड़ में बड़े स्तर पर ठगी को अंजाम दे रहे थे और एक अपार्टमेंट को ही अपने ऑपरेशन हेडक्वार्टर में बदल रखा था.

गिरफ्तार आरोपियों की पहचान

गिरफ्तार आरोपियों की पहचान भोजपुर के भलुहीपुर निवासी सौरभ कुमार (मास्टरमाइंड), बेगमपुर निवासी अभय कुमार और पटना जिले के मड़ियापुर गांव के अमन कुमार के रूप में हुई है. सौरभ ही पूरे गैंग को टेक्निकल ट्रेनिंग देता था और नेटवर्क संभालता था.

पंजाब से लेकर ओडिशा तक फैला था गिरोह का जाल

डीएसपी स्नेह सेतू के अनुसार, यह गिरोह बिहार के अलावा पंजाब, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, ओडिशा जैसे राज्यों में भी सक्रिय था. हर जगह से इनके खिलाफ शिकायतें मिली हैं. ये लोग गरीबों को चंद रुपये का लालच देकर उनके नाम से फर्जी खाते और सिम कार्ड निकलवाते थे और फिर उनका दुरुपयोग करते थे.

दानापुर में अपार्टमेंट से चल रहा था पूरा साइबर ऑपरेशन

गिरोह ने दानापुर में किराए पर अपार्टमेंट लेकर उसे फर्जी ऑफिस बना रखा था, जिसका नाम रखा गया था ई-कॉमर्स ऑनलाइन वहीं से पूरे ठगी ऑपरेशन को अंजाम दिया जाता था.

पुलिस ने छापेमारी के दौरान वहां से बरामद किया

  • 8 फर्जी बैंक की मुहरें
  • 3 पासबुक
  • 13 चेकबुक
  • 7 एटीएम कार्ड
  • 3 स्कैनर
  • 1 DVR
  • 1 पावर बैंक
  • 5 मोबाइल फोन
  • 1 वाई-फाई राउटर

वलीगंज के युवक से ठगी थी 50 हजार, वहीं से मिला था सुराग

27 फरवरी को आरा टाउन थाना क्षेत्र के वलीगंज निवासी सूरज कुमार से 50 हजार रुपये की साइबर ठगी हुई थी. उसी केस की जांच में साइबर डीएसपी स्नेह सेतू के नेतृत्व में एक टीम गठित की गई. दारोगा गांधी पाठक और स्वाती रानी की मदद से तकनीकी जांच हुई और आरोपी एक-एक कर गिरफ़्त में आ गए.

कैसे चलता था गिरोह का पूरा सिस्टम? जानिए पूरा मॉडल

  • गरीबों को पैसे का लालच देकर बैंक खाता और सिम कार्ड बनवाते थे
  • उन्हीं खातों के ज़रिए ठगी की रकम का लेन-देन होता था
  • फर्जी दस्तावेजों के लिए खुद बनाते थे नकली मुहरें
  • हर काम ‘ई-कॉमर्स कंपनी’ के नाम से होता था
  • सारा ऑपरेशन हाईटेक तरीक़े से चलता था

अब तक एक करोड़ रुपये से ज्यादा का ट्रांजैक्शन ट्रेस

शुरुआती जांच में पुलिस को एक करोड़ से ज्यादा की लेन-देन के सुराग मिले हैं. लगभग दो दर्जन फर्जी खातों का इस्तेमाल इस ठगी में हुआ है. पुलिस हर एंगल से जांच में जुटी है और आने वाले समय में और भी गिरफ्तारियां हो सकती हैं.
भोजपुर पुलिस ने न सिर्फ एक हाईटेक गैंग को दबोचा है, बल्कि यह भी साबित किया है कि तकनीक के सहारे होने वाले अपराधों से निपटने के लिए हमारी साइबर यूनिट पूरी तरह सक्षम है. गिरोह के नेटवर्क और बैंक खातों की गहराई से जांच जारी है.

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Anshuman Parashar
Anshuman Parashar
मैं अंशुमान पराशर पिछले एक वर्ष से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हूं. वर्तमान में प्रभात खबर डिजिटल बिहार टीम से जुड़ा हूं. बिहार से जुड़े सामाजिक, राजनीतिक, अपराध और जनसरोकार के विषयों पर लिखने में विशेष रुचि रखता हूं. तथ्यों की प्रमाणिकता और स्पष्ट प्रस्तुति को प्राथमिकता देता हूं.

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