पटना में कर्ज मुक्ति महिला सम्मेलन का आयोजन संवाददाता, पटना कथाकार मुंशी प्रेमचंद की जयंती पर गुरुवार को आइएमए हॉल में कर्ज मुक्ति महिला सम्मेलन का आयोजन हुआ. सम्मेलन में माले महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा कि सरकार की नीति ही बन चुकी है, लोगों को कर्ज में धकेल दो,ताकि वे कोई और सवाल ही न उठा सकें. उन्होंने कहा कि आज बिहार में महिलाएं, किसान और गरीब तबके कर्ज के जाल में फंसे हैं, लेकिन हम शिव चर्चा कर रहे हैं. यह कैसा मज़ाक है कि एक ओर आत्महत्या की खबरें आ रही हैं, लोग रोजगार और रोटी के लिए तरस रहे हैं और दूसरी ओर एसआइआर हो रहा है. उन्होंने 2004 के इंडिया शाइनिंग अभियान की चर्चा करते हुए कहा कि तब किसानों की आत्महत्या के सवाल ने सत्ता पलट दी थी. आज वैसी ही परिस्थिति बिहार में बन रही है.दीपंकर ने नारा दिया, सूदखोर बिहार छोड़- चुनाव चोर गद्दी छोड़. लोग जरूरत में कर्ज लेते हैं, लेकिन वह फंदा बन जाता है : ज्यां द्रेज अर्थशास्त्री ज्यां द्रेज ने कहा कि आज हालात ये हैं कि लोग जरूरत में कर्ज लेते हैं, लेकिन वह फंदा बन जाता है. मूलधन के साथ ब्याज पर ब्याज और फिर उसके ऊपर ब्याज वसूला जा रहा है. माइक्रोफाइनेंस कंपनियां फर्जी नामों से चल रही हैं मौके पर मीना तिवारी, प्रो विद्यार्थी विकास, शशि यादव, महबूब आलम, सरोज चौबे, अनिता सिन्हा, सोहिला गुप्ता, मीरा दत्त, दिव्या गौतम, रीता वर्नवाल, भारती एस कुमार आदि मौजूद थे.
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