संवाददाता,पटना
बिहार में गर्मी एवं आंधी-बारिश और संभावित सुखाड़ की स्थितियों से प्रभावी रूप से निपटने के लिए ऊर्जा विभाग ने व्यापक और बहुस्तरीय तैयारियां सुनिश्चित की हैं. इस संबंध में ऊर्जा सचिव एवं सीएमडी बीएसपीएचसीएल पंकज कुमार पाल ने स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किया हैं. इन तैयारियों का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि किसी भी आपदा या संकट की स्थिति में बिजली आपूर्ति बाधित न हो और यदि हो भी, तो उसे त्वरित गति से बहाल किया जा सके.
ऊर्जा सचिव ने निर्देश दिये कि आपदा की स्थिति में ऑपरेशन और मेंटेनेंस कार्य 24×7 चलना चाहिए तथा क्षतिग्रस्त संरचना की मरम्मत व आपूर्ति बहाली के लिए फील्ड स्तर पर कर्मियों की निगरानी को सशक्त किया जाये. सभी एकल स्रोत फीडरों को दुरुस्त रखने और वैकल्पिक फीडर स्रोत विकसित करने का निर्देश दिया गया है. इसके अतिरिक्त, विद्युत लाइनों से सटे वृक्षों की टहनियों की नियमित छंटाई के लिए भी फीडर में तैनात कर्मियों को अतिशीघ्र आवश्यक उपकरण उपलब्ध कराने के निर्देश दिये गये हैं, जिसके आलोक में विद्युत कंपनियों द्वारा आवश्यक तैयारियां की जा रही है. विभाग ने यह भी तय किया है कि ऐसी आपदा की स्थिति में प्रत्येक दो घंटे पर आपूर्ति बहाली की प्रगति रिपोर्ट मुख्यालय को भेजी जाये, जिसकी समीक्षा राज्य स्तर पर की जायेगी. इन परिस्थितियों के लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार की जा रही है ताकि हर स्तर पर कार्य स्पष्ट एवं त्वरित हो.
भीषण गर्मी और लू के संभावित असर को देखते हुए राज्य भर के सभी 33 केवी और 11 केवी फीडरों, एलटी लाइनों तथा विद्युत उपकेंद्रो का ग्रीष्मकालीन मानीटरिंग एवं मरम्मत कार्य पूर्ण कर लिया गया है. डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफार्मरों के निगरानी एवं त्वरित प्रतिस्थापन हेतु सामग्रियों का पर्याप्त स्टॉक क्षेत्रीय स्तर पर उपलब्ध है. ओवरलोड क्षेत्रों में ट्रांसफॉर्मरों और उपकेंद्रो की क्षमता का विस्तार किया जा रहा है. इसी प्रकार राज्य के सभी ग्रिड उपकेंद्रों का मैंटेनेस कार्य कर लिया गया है. ट्रांसमिशन टावरों के वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में आकस्मिक स्थितियों से निपटने के लिए 17 इमरजेंसी रेस्टोरेशन सिस्टम भी तैयार स्थिति में रखे गये है.
प्रभात खबर डिजिटल प्रीमियम स्टोरी
सुखाड़ की आशंका को ध्यान में रखते हुए कृषि फ़ीडरों में लगातार बिजली की आपूर्ति का निर्देश दिया गया है. आवश्यकतानुसार कृषि के लिए वितरण ट्रांसफॉर्मरों की पर्याप्त संख्या मे क्षेत्रीय स्तर पर भी की गयी है. जनस्वास्थ्य को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए सभी जिला मुख्यालयों, मेडिकल कॉलेजों, अनुमंडलीय अस्पतालों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को डेडीकेटेड फीडरों और समर्पित ट्रांसफॉर्मरों के माध्यम से गुणवत्ता युक्त विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है. राजधानी पटना के सभी सरकारी अस्पतालों में विद्युत निरीक्षण के निर्देश दिये गये हैं, ताकि शॉर्ट सर्किट या किसी अन्य समस्या की गुंजाइश न रहे. साथ ही सभी पेयजल आपूर्ति पंप हाउसों को भी निर्बाध बिजली आपूर्ति दी जा रही है.
विद्युत आपूर्ति की निगरानी एवं सुधार के लिए सभी प्रमंडलों में फ्यूज कॉल सेंटर कार्यरत हैं. उपभोक्ता अपनी शिकायतें टोल फ्री नंबर 1912 पर दर्ज करा सकते हैं, जिसकी समीक्षा नियमित रूप से मुख्यालय स्तर पर की जाती है. ज़रूरत के अनुसार अंतर्विभागीय समन्वय हेतु अंचल एवं प्रमंडल स्तर पर व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से सूचनाओं का आदान-प्रदान किया जायेगा. राज्य मुख्यालय स्थित स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर के माध्यम से 24X7 पूरे राज्य में बिजली आपूर्ति एवं संचरण प्रणाली व्यवस्था पर गहन निगरानी रखी जा रही है.
ऊर्जा सचिव ने यह भी निर्देश दिया कि ट्रांसफॉर्मर जलने की स्थिति मे के अनुसार उसे निर्धारित समय सीमा के अंदर न्यूनतम समय में अचूक रूप बदला जाये. साथ ही, मौसम विभाग के पूर्वानुमान को ध्यान में रखते हुए राज्य में बिजली लोड बढ़ने की संभावनाओं का विश्लेषण कराते हुए सभी आकस्मिक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाये.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है