Doctor in Bihar: पटना. पटना गांधी मैदान थाना क्षेत्र स्थित एक निजी अस्ताल पर मरीज के परिजनों ने गंभीर आरोप लगाया है. परिजनों का आरोप है कि अस्ताल के डॉक्टर मृत बच्चे का इलाज करते रहे, जब शव से बदबू आने लगा तो उन लोगों ने आगे रेफर कर दिया. 10 माह के मृत बच्चे की मां अनिमा ने आरोप लगाया कि मेरे बच्चे की मौत के बाद भी उसे जिंदा बता कर पैसा लिया गया है. हद तो तब हो गयी, जब बच्चे के शव से बदबू आने लगी. इसके बाद उसे जिंदा बता कर दूसरी जगह ले जाने के लिए कहा गया. जब दूसरे अस्ताल में भर्ती कराने पहुंचे, तो वहां के डॉक्टरों ने कहा कि बच्चे की मौत 48 घंटे पहले ही हो गयी.
गलती की है, तो सबके सामाने माफी मांगे बस, मुझे शांति मिलेगी
अस्पताल के बाहर बैठी मां अनिमा बार-बार यही कह रही थी कि अस्पताल प्रशासन ने जो गलती की है, बस माफी मांग ले. सबके सामने माफी मांग ले, इससे मेरे बच्चे और मुझे शांति मिल जायेगी. अनिमा ने कहा कि बुधवार को बच्चे को सांस लेने में समस्या हो रही थी, तो उसे अस्ताल में हमने भर्ती कराया. यहां आने के दो-तीन घंटे के बाद ही बच्चा मर चुका था, लेकिन तीन दिनों तक मरे हुए बच्चे का इस अस्ताल में डॉक्टरों ने इलाज किया. परिजन डॉक्टरों पर लापरवाही करने का भी आरोप लगा रहे है. हालांकि, उन्होंने आवेदन देने से मना कर दिया है. उनका कहना है कि अस्पताल हमसे माफी मांगे.
अस्पतालों के डॉक्टरों की डिग्री की जांच हो
अनिमा ने आगे कहा कि मेरी मांग यही है कि इस अस्पताल में कितने भी डॉक्टर के पास एमबीबीएस की डिग्री है, ये मुझे बताया जाये, क्योंकि इन लोगों ने जिस तरीके से मेरे बच्चे का इलाज किया है, उसे लेकर इनकी डिग्री पर भी मुझे शंका है. गांधी मैदान थानेदार राजेश कुमार ने बताया कि 18 मार्च को बच्चे की मौत हुई थी. उनके परिवार का आरोप है कि बच्चे की मौत लापरवाही से हुई है. शनिवार को परिजनों ने अस्ताल मे हंगामा किया है. परिजन ने आवेदन नहीं दिया है. आवेदन मांगने पर इनकार कर दिया है. मामले की जांच की जा रही है.
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