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Interview: बिहार में साइंस और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में बढ़ेंगे अवसर, डॉ. सुभा सिन्हा ने दिए संकेत

Interview: बिहार सरकार के विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं तकनीकी शिक्षा विभाग (DSTTE) की विशेष अधिकारी सह सहायक प्रोफेसर (सिविल) डॉ. सुभा सिन्हा आज की युवा लड़कियों के लिए प्रेरणास्रोत हैं. पेश है विज्ञान, प्रौद्योगिकी और महिलाओं तथा उनके कार्यक्षेत्र में चुनौतियों के बारे में हिमांशु देव के साथ उनकी बातचीत के मुख्य अंश...

Interview: बीस साल पहले विज्ञान के क्षेत्र में महिलाएं कम दिखाई देती थीं और आज भी विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में उनकी भागीदारी पुरुषों से कम है. ऐसे में बिहार सरकार के विज्ञान, तकनीक और तकनीकी शिक्षा विभाग (DSTTE) की विशेष पदाधिकारी सह सहायक प्रोफेसर (सिविल) डॉ. सुभा सिन्हा आज की युवा लड़कियों के लिए प्रेरणास्रोत हैं. सुभा ने 2004 में सिविल इंजीनियरिंग में बीई, 2006 में एमटेक (वाटर रिसोर्स मैनेजमेंट) और फिर 2008 में पीएचडी की. उन्होंने बीआईटी मेसरा, बीआईटी पटना और अन्य संस्थानों में अपना योगदान दिया है.

Q. आपने विज्ञान के क्षेत्र में करियर क्यों चुना? कोई प्रेरणा या व्यक्तिगत अनुभव था?

जब मैं कक्षा 8वीं में थी, तभी से विज्ञान की ओर रुझान बढ़ा. 10वीं बोर्ड में साइंस में टॉप भी की. तब महसूस किया कि इस क्षेत्र में अच्छा कर सकती हूं. इसके बाद बीइ के दौरान एहसास हुआ कि वाटर रिसोर्स के लिए काम करना चाहिए. क्योंकि, देखती थी कि कहीं वर्षा कम हो रही है, तो कहीं बाढ़ की समस्या है.

Q. आने वाले वर्षों में बिहार में साइंस और टेक क्षेत्र में कौन से नये अवसर या बदलाव देखने को मिल सकते हैं?

सभी कॉलेजों में एआइ व ड्रोन टेक्नोलॉजी पर काम किया जायेगा. अभी भी मशीन लर्निंग, थ्रीडी प्रिंटिंग आदि के बारे में बताया जा रहा है. इससे युवा खुद आत्मनिर्भर बन सकेंगे. अब तो लड़कियां भी सभी क्षेत्रों में रुचि दिखा रही हैं. जबकि पहले इस ओर कम देखा जाता था. मेरे क्लास में सिविल ब्रांच में सिर्फ चार लड़कियां थीं.

Q. महिलाओं के लिए साइंस और टेक्नोलॉजी में करियर की संभावनाओं को लेकर आप क्या कहेंगी?

राज्य में सभी 38 सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेजों में लड़कियों के लिए 33% सीटें आरक्षित हैं. इसके साथ ही फैकल्टी के लिए भी आरक्षण है. जिसके चलते अब हर ब्रांच में लड़कियां आ रही हैं. मेरा तो मानना है कि जब एक महिला साइंस में आगे बढ़ती हैं तो वे परिवार का, खुद के हेल्थ का और पर्यावरण का बेहतर ख्याल रखती हैं.

Q. आपने किस प्रकार के शोध पर काम किया है और इनमें से कौन सा सबसे प्रेरणादायक था?

मैंने कई परियोजनाओं पर शोध किया है, जिनमें से दो प्रमुख शोध पत्र हैं. पहला शोधपत्र जर्नल ऑफ अर्थ सिस्टम साइंस में प्रकाशित हुआ है, जिसका शीर्षक ‘पटना सिटी के लिए जीआइएस टॉप्सिस विधि का उपयोग कर उपयुक्त ठोस कचरा डंपिंग स्थल चयन’ था. वहीं, दूसरा शोध पत्र यूपी के दस जिलों में सतही जल गुणवत्ता सूचकांक के आकलन के लिए एक नवीन हाइब्रिड डीएनएन-एमबीजीडी अनुकूलन और डब्ल्यूएडब्ल्यूक्यूआइ तकनीक का उपयोग करके जल गुणवत्ता पूर्वानुमान पर आधारित था.

Q. आप बतौर महिला घर और दफ्तर के काम को संतुलित करने के लिए कौन-सी रणनीतियां अपनाती हैं?

मैं प्रोफेशनल और पर्सनल वर्क को कभी मिक्स नहीं करती. काम का नशा होता, जिससे घर का ख्याल दफ्तर में नहीं रहता है. वहीं, घर में अपने और परिवार के लिए समय निकालती हूं. क्योंकि, दोनों ही मेरी जिम्मेदारी है.

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Anand Shekhar
Anand Shekhar
Dedicated digital media journalist with more than 2 years of experience in Bihar. Started journey of journalism from Prabhat Khabar and currently working as Content Writer.

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