पटना. राज्य सरकार ने नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) की गंभीर टिप्पणियों के आधार पर लंबित उपयोगिता प्रमाण पत्र (यूसी) को लेकर बड़ी कार्रवाई की है.अब शिक्षा विभाग को आकस्मिक खर्च (एसी बिल) के तहत एडवांस फंड लेने की अनुमति नहीं दी जायेगी. वहीं नगर विकास और पंचायती राज विभाग को विशेष सहायता और अनुदान देने से भी वित्त विभाग ने इनकार कर दिया है.विभाग ने स्पष्ट कहा है कि इसके लिए तीनों विभागों को बकाया यूसी देने होंगे.दरअसल,सीएजी ने 24 जुलाई को विधानसभा में अपनी रिपोर्ट पेश की, जिसमें 70 हजार करोड़ रुपये की यूसी पर आपत्तियां की गयी हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्तीय वर्ष 2023-24 के अंत तक बिहार सरकार के विभिन्न विभागों के 70,877 करोड़ रुपये के उपयोगिता प्रमाणपत्र लंबित थे, जिसमें पंचायती राज विभाग में 28154 करोड़, शिक्षा विभाग में 12623 करोड़ और शहरी विकास विभाग में 11065 करोड़ का यूसी लंबित है.
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