ESIC Scheme, सुबोध कुमार नंदन, पटना: बिहार अब देश का पांचवा राज्य बन गया है, जहां कर्मचारी राज्य बीमा सोसायटी का गठन किया गया है. सोसायटी रजिस्ट्रीकरण अधिनियम के तहत 20 मार्च को सोसाइटी का गठन निबंधन किया गया है. सोसायटी के गठन से कर्मचारी राज्य बीमा निगम (इएसआइसी) के तहत बीमित व्यक्तियों को त्वरित चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध करायी जा सकेंगी, क्योंकि वित्तीय स्वायत्तता के कारण फंड की निकासी में आसानी होगी. इससे राज्य के 4.2 लाख बीमित व्यक्तियों और उनके आश्रितों को लाभ होगा, जो कुल मिलाकर लगभग 17 लाख लोगों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करेगा.
सोसायटी गठन के बाद सौ करोड़ मिल सकेगा
सोसायटी गठन होने से केंद्र सरकार से हर साल मिलने वाली फंड लगभग 20 करोड़ से बढ़कर 100 करोड़ हो जायेगी. इस राशि से बढ़ने से चिकित्सा सुविधा बढ़ेगी. साथ ही डाक्टरों, नर्सिंग और फॉर्मा की बहाली होगी. फिलवक्त राज्य सरकार की ओर से 17 डिस्पेंसरी का संचालन किया जा रहा है. इसकी संख्या में बढ़ोतरी होगी. साथ ही बीमित व्यक्तियों के औषधि खर्च प्रतिपूर्ति राशि का भुगतान सही समय दिया जा सकेगा.
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कुल खर्च का 87. 50 फीसदी देता है फंड
वर्तमान में कर्मचारी राज्य बीमा निगम योजना का संचालन राज्य बजट से प्राप्त राशि से किया जाता है. कर्मचारी राज्य बीमा योजना, बिहार के कुल खर्च का 87. 5 फीसदी केंद्र सरकार द्वारा तथा 12.5 फीसदी राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाता है. भारत सरकार द्वारा प्रापत राशि को राज्य सरकार के कोष में चालान के माध्यम से कोषागार के द्वारा जमा कराया जाता है.
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यह होंगे सोसायटी के प्रमुख
इस सोसायटी का अध्यक्ष सूबे के मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा, श्रम संसाधन विभाग के प्रधान सचिव दीपक आनंद को उपाध्यक्ष और स्वास्थ्य विभाग के सचिव मनोज कुमार सिंह, चिकित्सा सेवाएं के निदेशक डा. ब्रजनंदन प्रसाद मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी सह सदस्य सचिव होंगे. इसके अलावा वित्त विभाग के सचिव डा आशिमा जैन, कर्मचारी राज्य बीमा निगम के क्षेत्रीय निदेशक सीए निरंजन कुमार को सदस्य होंगे. पी अग्रवाल एंड कंपनी चार्टर्ड एकाउंटेंटस के निदेशक प्रेम कुमार अग्रवाल को नियोक्ता प्रतिनिधि के रूप में शामिल किया गया है.
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