संवाददाता, पटना : उच्च जातियों के विकास के लिए राज्य आयोग की बैठक शुक्रवार को जिला अतिथि गृह के सभाकक्ष में हुई. इसमें आयोग के अध्यक्ष डॉ महाचंद्र प्रसाद सिंह, उपाध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद और सदस्य जयकृष्ण झा, राजकुमार सिंह व दयानंद राय शामिल हुए. बैठक में उच्च जातियों के आर्थिक रूप से पिछड़े परिवारों के सशक्तीकरण की कार्ययोजना पर विचार-विमर्श किया गया. अध्यक्ष डॉ महाचंद्र प्रसाद सिंह ने बताया गया कि मुख्यमंत्री वास कार्ययोजना के तहत डीह बासगीत जमीन, बासगीत पर्चा व जमीन बंदोबस्ती में इडब्ल्यूएस कोटि को भी शामिल किया जा सकता है. इडब्ल्यूएस के योग्य अभ्यर्थियों को मुख्यमंत्री उद्यमी योजना, मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना के तहत अन्य वर्गों की तरह शून्य ब्याज दर कर्ज दिया जा सकता है. अभी उन्हें एक प्रतिशत ब्याज देना होता है. वहीं, बिहार लघु उद्यमी योजना के तहत दो लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाती है, लेकिन इसके लिए सालाना आय की अधिकतम सीमा 72 हजार रुपये तय है. बैठक में आय सीमा को बढ़ाने का प्रस्ताव दिया गया. शिक्षा कार्यालय, रोहतास के पदाधिकारी की तरफ से शिक्षा विभाग की अधिकतर योजनाएं सभी वर्गों के लिए लागू होने की सूचना दी गयीं. लेकिन, छात्रावास का प्रावधान इडब्ल्यूएस कोटि के छात्रों को किये जाने की आवश्यकता बतायी गयी. साथ ही छात्रावास में रहने वाले छात्रों के लिए एक हजार रुपये की व्यवस्था भी की जा सकती है. यूपीएससी व बीपीएससी के पीटी में सफल होने वाले सभी आरक्षित वर्गों के अभ्यर्थियों के लिए क्रमश: एक लाख रुपये व पचास हजार रुपये दिये जाते हैं. इडब्ल्यूस अभ्यर्थियों को भी देने पर विचार किया जा सकता है. अन्य आयोगों की विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षाओं में सफल अभ्यार्थियों को 25 हजार रुपये प्रोत्साहन राशि देने के राज्य सरकार के निर्णय में इडब्ल्यूएस को भी शामिल किया जा सकता है. पीएमइजीपी (प्रधानमंत्री रोजगार गारंटी योजना) के तहत बाहरी क्षेत्र में 15 प्रतिशत व ग्रामीण क्षेत्र में 25 प्रतिशत तक की लोन सब्सिडी सामान्य वर्ग लोगों को दिया जाता है, जबकि एससी, एसटी, ओबीसी औरतों को शहरी क्षेत्र में 25 प्रतिशत व ग्रामीण क्षेत्र में 35 प्रतिशत तक की लोन सब्सिडी दी जाती है. इडब्ल्यूएस कोटि के लिए एससी, एसटी व ओबीसी के अनुरूप सब्सिडी का प्रावधान किया जा सकता है.
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