Exclusive: मनोज कुमार, पटना. बीते वर्ष की तुलना में इस साल 26 लाख टन अनाज के उत्पादन में गिरावट के आसार हैं. बीते साल सितंबर माह में बिहार के विभिन्न इलाकों में आयी बाढ़ इसका कारण बताया गया है. कृषि विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, बीते वित्तीय वर्ष 2023-24 में कुल 231 लाख टन कुल खाद्यान्न का उत्पादन हुआ था. वर्ष 2024-25 में 205.70 लाख टन उत्पादन होने की संभावना है. धान की खेती के समय भारी बारिश हुई थी. इसका असर चावल के उत्पादन पर सीधा पड़ा है. बीते वित्तीय वर्ष में चावल का उत्पादन 95.23 लाख टन हुआ था. इस वित्तीय वर्ष 90.70 लाख एमटी चावल के उत्पादन की ही संभावना जतायी गयी है. तकरीबन पांच फीसदी से अधिक चावल का उत्पादन कम होने की संभावना है. गेहूं के उत्पादन में भी चार लाख टन उत्पादन कम होने की संभावना जतायी गयी है. बीते वर्ष गेहूं का उत्पादन 73.07 लाख टन हुआ था, जबकि इस वर्ष 69.32 लाख टन ही होने की संभावना है.
मोटा अनाज 38 लाख टन होने की संभावना
इस साल मोटा 38 लाख टन मोटा अनाज होने की संभावना है. दलहनी फसल 2.68 लाख और 1.24 लाख टन तेलहनी फसल होने की संभावना है. 8.47 लाख जूट और मेस्ता होने के आसार हैं. कुल 42.80 लाख टन मोटे अनाज होने की संभावना है. तेलहन और दलहनी फसलें के भी कम उत्पादन होने की संभावना जाहिर की गयी है.
राज्य के इन 28 जिलों में बाढ़ से प्रभावित हुई खेती
बीते वर्ष सितंबर माह में गंगा, कोसी और अन्य नदियों में बाढ़ आयी थी. इससे इन जिलों में खेती प्रभावित हुई. भागलपुर, भोजपुर, पूर्णिया, नालंदा, शेखपुरा, पटना, गया, औरंगाबाद, सारण, बेगूसराय, मुंगेर, कटिहार, समस्तीपुर, वैशाली में बाढ़ से खेती प्रभावित हुई, जबकि खगड़िया, लखीसराय, किशनगंज, शिवहर, मधेपुरा, सुपौल, मधुबनी, पश्चिम चंपारण, मुजफ्फरपुर, अररिया, सहरसा, पूर्वी चंपारण, दरभंगा और सीतामढ़ी में भी नदियों का जल स्तर बढ़ने से खेती प्रभावित हुई.
पहले कम बारिश, फिर बाढ़ में बांटे गये 220 करोड़
बीते वर्ष राज्य में दोतरफा खेती प्रभावित हुई. खेती के सीजन में कम बारिश हुई. इस कारण पटवन के लिए डीजल अनुदान के रूप में 3.27 लाख किसानों में 61 करोड़ रुपये बांटे गये. इससे किसानों को थोड़ी राहत मिली, तो बाढ़ मुसीबत बनकर आ गयी. बाढ़ से किसानों को राहत पहुंचाने के लिए 159 करोड़ रुपये 2.49 लाख किसानों में बांटे गये.
Also Read: Exclusive: पटना में आज पहले मान स्तंभ का होगा शिलान्यास, जैन धर्मावलंबियों की है गहरी आस्था