संवाददाता, पटना : इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (आइजीआइएमएस) के क्षेत्रीय चक्षु संस्थान में अब जल्द ही 24 घंटे इलाज व सर्जरी की सुविधा होगी. इसमें इसमें 174 बेड होंगे. इमरजेंसी की सुविधा बहाल होने से रात में भी आंख में किसी तरह की परेशानी होने पर भटकना नहीं पड़ेगा. आइजीआइएमएस के उपनिदेशक व क्षेत्रीय चक्षु संस्थान के प्रमुख डॉ विभूति प्रसन्न सिन्हा ने कहा कि नेत्र इमरजेंसी में ट्रॉमा, एक्यूट आइ डिजीज, आंख में अचानक चोट लगना, अचानक रोशनी चले जाना, आंख में दर्द आदि के इलाज की व्यवस्था अब 24 घंटे रहेगी. हाल ही में नये भवन में नेत्र विभाग को शिफ्ट किया गया है, जहां इमरजेंसी सेवा शुरू करने की तैयारी शुरू हो गयी है. यहां इनडोर इलाज की व्यवस्था भी शुरू होने जा रही है. एक छत के नीचे सारी चिकित्सकीय सुविधाएं मिलेंगी. सब कुछ ठीक रहा, तो अगले एक सप्ताह के अंदर यह सुविधा शुरू हो जायेगी.
सालाना तीन लाख मरीजों के इलाज की क्षमता
24 घंटे इमरजेंसी बहाल होने के साथ ही अब इलाज की क्षमता बढ़ा कर न लाख करने की है. यानी एक साल में तीन लाख मरीजों के इलाज की क्षमता होगी, जबकि पहले हर साल पुराने भवन में करीब 1.5 लाख मरीजों का इलाज किया जा रहा था. नये भवन में कॉर्निया ट्रांसप्लांट यूनिट को भी शिफ्ट कर दिया गया है. इसके लिए अलग से चार अतिरिक्त ओपीडी काउंटर पूरी रात खुले रहेंगे. शिफ्ट के अनुसार इन कर्मियों की ड्यूटी लगायी जायेगी.उपनिदेशक व चीफ क्षेत्रीय चक्षु संस्थान, आइजीआइएमएस डॉ विभूति प्रसन्न सिन्हा ने कहा कि नये भवन में नेत्र रोग विभाग शिफ्ट होने के बाद मरीजों की संख्या व आधुनिक सुविधाओं में वृद्धि हुई है. यहां 24 घंटे आंख के मरीजों के इलाज की तैयारी पूरी कर ली गयी है. इसके शुरू होने के बाद किसी भी तरह की दुर्घटना या इमरजेंसी होने पर मरीजों को सीधे यहां इमरजेंसी में भर्ती कर दिया जायेगा. ओपीडी के अलावा अगर रात में सर्जरी की जरूर पड़ती है, तो रात में ऑपरेशन भी कर दिया जायेगा. 24 घंटे ओटी व इमरजेंसी बहाल रहेंगी.
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