विदेश में नौकरी के लिए दलालों के झांसे में आकर 300 से अधिक युवक-युवतियां फंसे संवाददाता, पटना बिहार के युवाओं के लिए विदेश जाकर नौकरी करने का सपना अब कई परिवारों के लिए एक अभिशाप बनता जा रहा है. दलालों और फर्जी वेबसाइटों के जाल में फंसकर सैकड़ों युवक-युवतियां पासपोर्ट बनवाने के बाद म्यांमार, कंबोडिया और लाओस जैसे देशों में बंधुआ मजदूर बना दिये गये हैं. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बिहार पुलिस ने राज्य के सभी जिलों को अलर्ट किया है और पासपोर्ट से जुड़े दलाल नेटवर्क की निगरानी शुरू कर दी गयी है. बिहार पुलिस मुख्यालय को भारतीय दूतावासों से जो इनपुट मिले हैं, वे बेहद चौंकाने वाले हैं. एडीजी (मुख्यालय) कुंदन कृष्णन के अनुसार अब तक राज्य के करीब 300 युवा नौकरी की तलाश में दलालों के जरिए पासपोर्ट बनवाकर दक्षिण-पूर्वी एशिया में भेज दिये गये हैं. वहां उन्हें बंधुआ मजदूर बनाया गया. अवैध गतिविधियों में जबरन शामिल किया गया. पासपोर्ट और वीजा सिर्फ सरकारी वेबसाइट से ही बनवाएं : एडीजी एडीजी कुंदन कृष्णन ने नागरिकों से अपील की है कि वे पासपोर्ट या वीजा आवेदन के लिए सिर्फ सरकारी पोर्टलों का ही इस्तेमाल करें. उन्होंने कहा कि नवयुवक निजी और फर्जी वेबसाइटों पर आवेदन कर रहे हैं, जिससे वे ठगी और मानव तस्करी के शिकार हो रहे हैं. पटना के रीजनल पासपोर्ट ऑफिस के बाहर सक्रिय दलालों के जाल में ज्यादातर जिलों से आए युवा फंस रहे हैं. कई निजी कंपनियां गल्फ या दक्षिण-पूर्वी एशिया में रोजगार दिलाने का दावा करती हैं, लेकिन बाद में ये एजेंसियां युवाओं को ऐसे देशों में भेज देती हैं, जहां उनके पासपोर्ट जब्त कर लिये जाते हैं और उनसे जबरन काम लिया जाता है. कुंदन कृष्णन ने कहा कि विदेश मंत्रालय द्वारा पंजीकृत एजेंसियों की सूची की जांच किये बिना किसी पर भरोसा न करें. उन्होंने कहा, सभी जरूरी प्रक्रिया सिर्फ सरकारी तंत्र के माध्यम से ही पूरी करें. कोई भी जानकारी चाहिए तो दूतावास या पासपोर्ट सेवा केंद्रों की सहायता लें.
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