अवधेश कुमार, गोपालगंज
गोपालगंज खनन विभाग की ओर से जब्त किये गये 41 ट्रकें गायब हो गयी. ये ट्रकें कब गायब हो गयी, विभाग के अधिकारी भी नहीं जानते. वहीं, दूसरी तरफ जब्त किये गये ट्रकों के गायब होने से सरकार को करीब एक करोड़ के राजस्व का नुकसान होने का अनुमान है. अबतक इस मामले को लेकर खनन विभाग ने अबतक थानों में किसी तरह की प्राथमिकी दर्ज नहीं करायी है.
इधर, मामला संज्ञान में आने के बाद पुलिस ने तफ्तीश शुरू कर दी है. जांच के दायरे में संबंधित अधिकारी भी आ सकते हैं, क्योंकि दो से तीन सालों के अंदर ट्रकें गायब हुई, तो इतने महीनों तक खनन विभाग के अधिकारी कहां थे. किस स्तर से इतनी बड़ी लापरवाही बरती गयी, इसपर जिला प्रशासन भी जांच करने में जुटा हुआ है. हाइलेबल जांच शुरू होने से कईयों की बेचैनी भी बढ़ गयी है.
जब्त ट्रकों के बारे में पुलिस को नहीं है खबर
पुलिस सूत्रों का कहना है कि खनन विभाग की ओर से ट्रकों को जब्त करने के बाद पुलिस को कोई सूचना नहीं दी गयी. ट्रकों को जब्त करने के बाद मामले में खनन विभाग के अधिकारी को संबंधित थाने में प्राथमिकी दर्ज करानी चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं किया गया. ट्रकों के गायब होने के बाद भी थानों को सूचना या लिखित शिकायत नहीं दी गयी है.
होमगार्ड जवान निगरानी करते हैं जब्त ट्रक
खनन विभाग की ओर से जिला मुख्यालय के इलाके में जब्त किये गये ट्रकों को कमला राय कॉलेज, गांधी कॉलेज या वीएम कॉलेज के खाली परिसर में रखा जा रहा था. शहरी इलाके में गांधी कॉलेज में अधिकांश ट्रकें रखी गयी थी. इन इलाकों में ट्रकों की निगरानी के लिए खनन विभाग खुद अपने कार्यालय के होमगार्ड जवान को तैनाती करता था, इतनी संख्या में ट्रकें कैसे गायब हो गयींं, इसका पता नहीं चल सका.
अब क्या करेगा खनन विभाग
खनन विभाग अब इस मामले में जब्त ट्रकों के मालिकों पर सर्टिफिकेस केस कर सकता है. संबंधित थाने में भी भौतिक सत्यापन के बाद खनन पदाधिकारी प्राथमिकी दर्ज करा सकते हैं. खनन विभाग के पास गायब हुए सभी ट्रकों का आंकड़ा और दस्तावेज मौजूद है, उसके आधार पर ट्रकों को जब्त कर या सर्टिफिकेस केस करके जुर्माना की राशि वसूली जा सकती है.
क्या कहते हैं पुलिस अधीक्षक
पुलिस अधीक्षक अवधेश दीक्षित ने बताया कि इसमें पुलिस की गलती नहीं है. खनन विभाग की चूक है, इसकी जांच करायी जा रही है. वाहनों को जब्त करने के बाद एफआइआर और जुर्माना विभाग को करना है, उनके द्वारा क्यों नहीं किया गया, इसकी भी जांच होगी.
क्या कहते हैं खनन पदाधिकारी
जिला स्तरीय टास्क फोर्स की बैठक में जब्त किये गये 41 ट्रकों से जुर्माना नहीं वसूले जाने का मामला आया था. 2022 से 2024 तक ये ट्रकें जब्त की गयी थीं. जब्त ट्रकों का राजस्व के लिए भौतिक सत्यापन किया गया तो ट्रकें गायब मिली. गायब हुईं ट्रकों का लेखा-जोखा विभाग के पास मौजूद है. सर्टिफिकेट केस दर्ज कर राशि वसूली जायेगी.
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