लाइफ रिपोर्टर@पटना
होली का पर्व नजदीक आते ही राजधानी के बाजारों में रंग-गुलाल, पिचकारी, बाल, टी-शर्ट, टोपी और मास्क की दुकानें सजने लगी हैं. इस बार भी चीन के उत्पादों का बाजार पर कब्जा है, लेकिन स्वदेशी सामानों की उपलब्धता भी बाजार को और रंगीन बना रही हैं.
हर्बल अबीर और इको-फ्रेंडली रंगों की मांग में भारी वृद्धि हुई है, और ये उत्पाद पटना के बाजार में ग्राहकों को खूब आकर्षित कर रहे हैं. बाजार में पिचकारियों की कीमत 10 रुपये से लेकर 2000 रुपये तक है, और इस कारोबार का अनुमानित मूल्य पटना और उसके आसपास के इलाकों में लगभग 20 से 25 करोड़ रुपये के आसपास है.
बच्चों के लिए गुलाल फायर गन
चूड़ी मार्केट के पिचकारी कारोबारी नीरज कुमार ने बताया कि, इस बार बच्चों के लिए खास पिचकारियां मार्केट में उपलब्ध हैं. स्पाइडर-मैन, डोरेमोन, छोटा भीम, वीर हनुमान, आयरन मैन जैसे कार्टून किरदारों वाली पिचकारियां बच्चों में खासा पॉपुलर हो रही हैं. खास बात यह है कि बच्चे इन्हें अपने स्कूल बैग की तरह कमर में बांध लेते हैं. इसके अलावा, गुलाल फायरो गन भी इस बार बाजार में आयी है, जिसे फायर करने पर बंदूक से गुलाल निकलता है. इस उत्पाद की कीमत 200 रुपये से लेकर 600 रुपये तक है. इसके अलावा, बैलून शूटर भी बच्चों के बीच आकर्षण का केंद्र बन चुका है, जिसकी कीमत लगभग 350 रुपये है.
फिल्म ‘पुष्पा’ की प्रेरणा से बनी हैं पिचकारियां
युवाओं के लिए फिल्मी सितारों और विशेष रूप से ‘पुष्पा’ फिल्म की प्रेरणा से बनी पिचकारियां इस बार बाजार में आकर्षण का केंद्र हैं. इन पिचकारियों की कीमत 250- 2000 रुपये तक है. राकेश अग्रवाल बताते हैं कि इलेक्ट्रॉनिक पिचकारियां अब बाजार में एक नयी क्रांति लेकर आयी हैं. ये पिचकारियां बैटरी ऑपरेटेड और चार्जेबल हैं और इनमें बबल्स निकलने के साथ-साथ दूर तक पानी फेंकने की क्षमता भी है. इनकी कीमत 250 रुपये से लेकर 800-2000 रुपये तक है. इसके अलावा, पुष्पा की कुल्हाड़ी पिचकारी भी बच्चों में खासा लोकप्रिय हो रही है.
पुष्पा की कुल्हाड़ी ‘झुकेगा नहीं’
राकेश अग्रवाल ने बताया कि मशहूर फिल्म ‘पुष्पा’ की पिचकारी इस बार बाजार में बच्चों व बड़ों को भी लुभा रही है. जिसमें पुष्पा की कुल्हाड़ी काफी पसंद की जा रही है. यह पंप के रूप में कुल्हाड़ी है, जिस पर खुद झुकेगा नहीं लिखा है. इसके साथ ही बाहुबली पिचकारी आयी है, जिसमें पंप और टैंक दोनों को मिक्स रूप में बनाया गया है. तलवार को पकड़ने के बाद घूमाने पर उससे पानी छूटता है.
हर्बल रंगों के प्रति बढ़ी जागरूकता
कदमकुआं स्थित चूड़ी मार्केट के कारोबारी अभिषेक कुमार बताते हैं कि पटना के लोग अब स्वास्थ्य के प्रति ज्यादा सजग हो गये हैं, जिसके कारण केमिकल रंगों की बजाय हर्बल रंगों और गुलाल की खरीदारी में वृद्धि हो रही है. हर्बल रंग और गुलाल विभिन्न कंपनियों द्वारा उपलब्ध कराये जा रहे हैं, जिनकी कीमत 20 रुपये से लेकर 100 रुपये (प्रति 100 ग्राम) तक है. ब्रांडेड गुलाल की कीमत 200 रुपये से लेकर 800 रुपये प्रति पैक तक है, जबकि अबीर 250 रुपये से लेकर 400 रुपये प्रति पैक में उपलब्ध है. पांच रंगों के सेट वाले हर्बल गुलाल की कीमत 150 रुपये से शुरू हो रही है.
नये व अनोखे उत्पादों से बाजार हुआ रंगीन
बाजार में इस बार सेल्फ सीलिंग वाटर बैलून भी उपलब्ध हैं, जो नल में जोड़ने पर एक साथ कई बैलून में रंग और पानी भरने का काम करते हैं. इस सेट की कीमत लगभग 100 रुपये है. इसके अलावा, रंग-बिरंगे नकली बाल, मुखौटे, डिजाइनर टोपियां और रंगों से भरे बैग भी बाजार में बिक रहे हैं, जो अपने अनोखे डिजाइन के कारण लोगों को आकर्षित कर रहे हैं. होली के खास मौके पर इन उत्पादों की बिक्री तेजी से बढ़ी है.
लुप्त हो गयी हैं परंपरागत पटनिया पिचकारी
एक समय था जब पटनिया और पीतल की पिचकारियों की काफी मांग थी, लेकिन अब यह पूरी तरह से अतीत की बात हो गयी है. नरेश अग्रवाल के अनुसार, कोलकाता, दिल्ली और मुंबई से आई प्लास्टिक पिचकारियों ने पारंपरिक पिचकारियों को बाजार से हटा दिया है. इस वजह से अब पटना में बनने वाली पारंपरिक पिचकारियों का निर्माण बंद हो गया है.
ग्राहकों को लुभा रहे इ-कॉमर्स प्लेटफॉर्म
होली को लेकर इ-कॉमर्स प्लेटफॉर्म भी सजधज कर तैयार है. कई जगह खरीदारी पर ग्राहकों को ऑफर दिया जा रहा है. फ्लिपकार्ट, अमेजन और अन्य ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर लोग पहले से ही होली के उत्पाद बुक कर रहे हैं. हालांकि, पारंपरिक बाजारों में खरीदारी का अलग ही मजा होता है, इसलिए ग्राहक दुकानों पर भी भारी संख्या में पहुंच रहे हैं.
एक नजर में बाजार की कीमतें:
बैलून: | 10-60 प्रति पैकेट |
स्पाइडरमैन पिचकारी: | 350 प्रति पीस |
टोपी: | 10-20 प्रति पीस |
पिचकारी (छोटी): | 10-20 प्रति पीस |
बाल: | 50-150 प्रति पीस |
गुलाल (हर्बल): | 20-40 प्रति पैकेट |
गुलाल (स्पेशल): | 250-500 प्रति पैक |
मचली पिचकारी: | 60-100 |
पंप पिचकारी: | 20-300 |
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