Indian Railways: रेलवे ने जुलाई से वेटिंग टिकट को लेकर नियम बदला तो इसका असर दिखने लगा है. रेलवे के इस बदलाव से पूरी टिकटिंग व्यवस्था प्रभावित हुई है. रेलवे ने वेटिंग टिकट जारी करने की सीमा घटा दी है. जिससे अब लोगों को वेटिंग टिकट भी नहीं मिल पा रहा है. पटना होकर गुजरने वाली अधिकतर ट्रेनों में पहले जहां वेटिंग टिकट मिल पाता था, वहां अब नो रूम दिखने लगा है. यानी वेटिंग टिकट भी इन ट्रेनों में यात्री नहीं ले सकते.
लंबी दूरी की ट्रेनों में नो रूम
ब्रह्मपुत्र मेल और फरक्का एक्सप्रेस जैसी ट्रेनों में 9 और 11 जुलाई तक नो रूम है. इसमें यात्रियों को अब वेटिंग टिकट भी नहीं मिल सकता. महाराष्ट्र से आने वाले यात्रियों को लोकमान्य तिलक एक्सप्रेस में अभी वेटिंग टिकट भी उपलब्ध नहीं हो सकता. 8 अगस्त तक भी इस ट्रेन में नो रूम की ही स्थिति है.
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अब वेटिंग टिकट भी नहीं मिल रहा
12296 संघमित्रा एक्सप्रेस के स्लीपर क्लास में 13 जुलाई तक नो रूम है. इसी ट्रेन में सेकेंड एसी में 5 जुलाई तक नो रूम है. संपूर्णक्रांति एक्सप्रेस के स्लीपर में पांच जुलाई तक नो रूम है. जयनगर गरीबरथ में 11 जुलाई तक नो रूम है. श्रमजीवी एक्सप्रेस के स्लीपर क्लास में 4 जुलाई तक नो रूम है.

नये बदलाव के फायदे और नुकसान
सभी आरक्षित ट्रेनों में अधिकतम 25% तक वेटिंग टिकट जारी करने के नियम से एकतरफ जहां यात्रियों को सुविधा हो रही है तो दूसरी ओर कई यात्री इमरजेंसी में वेटिंग टिकट लेकर भी यात्रा करने से वंचित रह जा रहे हैं. अब ट्रेनों में 25 प्रतिशत के साथ अधिकतम 105-110 यात्रियों को ही वेटिंग टिकट दिया जा रहा है. जबकि पहले करीब 400 यात्रियों के लिए वेटिंग टिकट जारी किया जाता था. हालांकि नये नियम से फायदा यह है कि वेटिंग टिकटों के कंफर्म होने की संभावना अब बढ़ी है. दूसरी ओर वेटिंग टिकट नहीं मिल पाने से जरनल कोचों में यात्रियों का लोड बढ़ा है.