Inflation : पटना, आनंद तिवारी. दवाओं के बाद अब अलग-अलग कंपनियों ने बच्चों के डिब्बाबंद दूध और पोषण आहार से जुड़े उत्पादों की कीमतें बढ़ा दी हैं. इनमें सबसे अधिक 30 से 40 प्रतिशत तक कीमत में इजाफा किया गया है. हाल ही में पटना सहित पूरे बिहार में सप्लाइ किये गये दूध व आहार से जुड़े उत्पादों में 110 से 330 रुपये तक दाम में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. राजधानी पटना के अधिकांश विक्रेता इन उत्पादों पर ग्राहकों को कोई छूट भी नहीं देते हैं. शहर के गोविंद मित्रा दवा मंडी के थोक कारोबारियों को छोड़ दिया जाये, तो फुटकर कारोबारी प्रिंट रेट में ही इन सामग्रियों को बेच रहे हैं.
हर महीने डेढ़ हजार का अतिरिक्त खर्च
जानकारों की मानें, तो दाम बढ़ने से इसका सीधा असर दो साल तक छोटे बच्चों वाले परिवारों पर पड़ रहा है. बढ़ोतरी की वजह से इन दंपतियों को हर माह एक से डेढ़ हजार रुपये अतिरिक्त खर्च करना पड़ रहा है. उत्पाद से जुड़े कारोबारियों के अनुसार साल 2023 में जो डिब्बाबंद दूध 400 ग्राम वाला 580 रुपये का आता था. करीब दो वर्ष बाद अब इसकी कीमत 910 रुपये हो गयी है. जबकि इसी से मिलती जुलती एक अन्य कंपनी का दूध 2023 में 375 रुपये में बिकता था. अब इसकी कीमत 485 रुपये हो गयी है. इसी तरह 225 रुपये को जो पोषण आहार था, अब उसके दाम बढ़कर 325 रुपये हो गये हैं. इसके अलावा दूसरी कंपनी के 375 रुपये वाले डिब्बे का दाम 440 और 560 वाला डिब्बा 670 रुपये का कर दिया गया है. 215 रुपये में मिलने वाले पोषण आहार का दाम बढ़ाकर 325 रुपये प्रति डिब्बा कर दिया गया है.
बाजार में आधा दर्जन कंपनियां
पटना के मार्केट में आहार व डिब्बाबंद दूध का कारोबार करने वाली करीब आधा दर्जन से अधिक कंपनियां डिब्बाबंद दूध व आहार बेच रही हैं. यह मेडिकल स्टोर से लेकर किराना दुकान, मॉल आदि जगहों पर सप्लाइ हो रहे हैं. इनके दाम भी अलग-अलग हैं. इतना ही नहीं डिब्बाबंद दूध व पोषण आहार के उत्पादों पर ग्राहकों को मेडिकल स्टोर से लेकर मॉल व किराना स्टोर दुकानदार कोई छूट नहीं देते हैं. दवाओं पर 10 से 15 प्रतिशत तक छूट देते हैं. लेकिन इन उत्पादों पर एक रुपये का भी छूट नहीं दिया जाता है.
दो साल में किस उत्पाद पर कितनी बढ़ी कीमत
उत्पाद का नाम : वर्ष 2023: वर्ष 2025
नेस्टोजेन : 219 : 290
लेक्टोजेन : 375 : 485
इनफामिल : 680 : 799
सिमिलैक एडवांस : 580 : 910
फारेक्स : 560 : 750
सेरेलैक : 215 : 325
डेक्सोलैक : 325 : 460
नोट: ये कीमतें 400 ग्राम प्रति डिब्बा हैं, इनके आंकड़ों में थोड़ा आंशिक अंतर हो सकता है.
बचत न के बराबर
रिटेल केमिस्ट एसोसिएशन बिहार के संयोजक संतोष कुमार कहते हैं कि करीब दो साल बाद उत्पादन में बढ़ोतरी देखी जा रही है. हालांकि बच्चों के डिब्बाबंद दूध और आहार के उत्पादों में बचत न के बराबर है. क्योंकि इन उत्पादों की निर्माता कंपनियां कारोबारियों को बहुत कम कमीशन देती हैं. कारोबारी अपने ग्राहकों को बनाये रखने के लिए इन उत्पादों को नो प्रॉफिट नो लॉस का धंधा कर इसको बेचते हैं.
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