संवाददाता,पटना/मसौढ़ी : डीएम डॉ त्यागराजन एसएम ने मसौढ़ी अंचल कार्यालय से एक कुत्ते का निवास प्रमाणपत्र जारी होने के मामले में सख्त कार्रवाई की है. बिना जांच के राजस्व पदाधिकारी लॉगिन पर आवेदन स्वीकृति के लिए अग्रसारित करने पर आइटी सहायक को तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया है. वहीं, गलत साक्ष्यों के आधार पर दिये गये आवेदन को बिना विस्तृत जांच के प्रमाणपत्र जारी करने को लेकर राजस्व अधिकारी मुरारी चौहान को निलंबित करने की अनुशंसा राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग से की गयी है. इस मामले में स्थानीय थाने में आवेदक, आइटी सहायक व प्रमाणपत्र जारी करने वाले राजस्व अधिकारी के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज भी की गयी है. वहीं, ”डॉग बाबू” के नाम से बनाये गये इस निवास प्रमाणपत्र को रद्द कर दिया गया है.
आवेदक, आइटी सहायक व राजस्व अधिकारी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज
डीएम ने मामला संज्ञान में आते ही मसौढ़ी के एसडीओ को जांच करने को कहा था. एसडीओ ने जांच रिपोर्ट सौंप दी. इसमें पाया गया कि दिल्ली की एक महिला का आधार कार्ड संलग्न करते हुए निवास प्रमाणपत्र के लिए आवेदन दिया गया था. नियम के विरुद्ध शपथपत्र देकर और किसी अन्य व्यक्ति के पहचानपत्र का दुरुपयोग कर गलत साक्ष्य के आधार पर निवास प्रमाणपत्र के लिए आवेदन देने वाले आवेदक के विरुद्ध पुलिस अनुसंधान किया जा रहा है. इसे अंजाम देने वाले लोगों पर कठोर कार्रवाई की जायेगी. इस मामले में स्थानीय थाने में आवेदक, आइटी सहायक व राजस्व अधिकारी के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज भी की गयी है.दस्तावेजों के सत्यापन की जांच में बरतें कड़ाई
बिहार प्रशासनिक सुधार मिशन सोसाइटी ने सभी डीएम को एनआइसी के सर्विस प्लस पोर्टल पर दस्तावेजों के सत्यापन की प्रक्रिया का कड़ाई से पालन करने का निर्देश दिया है. साथ ही जल्द ही इस पोर्टल पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद लेने की बात कही गयी है, ताकि आगे किसी भी तरह की गड़बड़ी को रोका जा सके. सोसाइटी ने कहा है कि यह मामला न केवल सिस्टम की कमजोरियों को उजागर करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि बिहार सरकार अब डिजिटल धोखाधड़ी पर कड़ी नजर रखे हुए है. दोषियों को बख्शा नहीं जायेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है