पटना. फसलों की उत्पादकता और उत्पादन बढ़ाने के लिए मिट्टी जांच पर राज्य सरकार ने फोकस किया है. तीन वर्ष में कम से कम एक बार मिट्टी की जांच सभी खेतों की होगी. कृषि विभाग की ओर से बताया गया है कि मिट्टी जांच पर खेतों में उर्वरक डालने की मात्रा का पता चल सकेगा. किस प्रकार की मिट्टी है, उसका उपचार क्या है, इसकी जानकारी हो सकेगी. कृषि वैज्ञानिकों ने सलाह दी है कि मिट्टी की जांच के आधार पर उर्वरकों का संतुलित एवं अनुशासित मात्रा में प्रयोग करना होगा. उर्वरक छिड़कने के बजाय इसे पौधों की जड़ों के पास डालना होगा. कृषि वैज्ञानिकों ने बताया है कि मिट्टी की जांच के आधार पर उर्वरकों का संतुलित मात्रा में ही उपयोग करना होगा. वित्तीय वर्ष 2025-26 में पूरे राज्य से तीन लाख मिट्टी नमूनों की जांच होगी. प्रयोगशाला में मिट्टी की जांच के बाद किसानों को मिट्टी स्वास्थ्य कार्ड उपलब्ध कराया जायेगा.
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