बिहार की सत्ता पर काबिज जनता दल यूनाइटेड ने अपने ही पार्टी के नेता और बांका के सांसद गिरधारी यादव को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. पार्टी की तरफ से उन्हें यह नोटिस उनके बिहार में चल रहे वोटर वेरिफिकेशन को लेकर दिए गए एक बयान के बाद जारी किया गया है. जिसमें उन्होंने दावा किया था कि चुनाव आयोग को कोई व्यावहारिक ज्ञान नहीं है, उसे न तो बिहार का इतिहास पता है और न ही भूगोल का.
ऐसे बयान से विपक्ष के आरोपों को मिल रहा बल: JDU
जेडीयू ने बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभ्यास पर दिए गए बयान को लेकर पार्टी सांसद गिरिधारी यादव को कारण बताओ नोटिस में कहा है कि ऐसे संवेदनशील मामले पर, खासकर चुनावी साल में, आपकी सार्वजनिक टिप्पणियों से न केवल पार्टी को शर्मिंदगी उठानी पड़ी है, बल्कि अनजाने में विपक्ष द्वारा लगाए गए निराधार और राजनीति से प्रेरित आरोपों को भी बल मिला है. ऐसे में आप अपना जवाब 15 दिन के भीतर दीजिए.
क्या कहा था बांका सांसद ने?
न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में गिरिधारी यादव ने चुनाव आयोग पर व्यवहारिक ज्ञान न होने का आरोप लगाते हुए कहा, “चुनाव आयोग को कोई व्यावहारिक ज्ञान नहीं है, उसे न तो बिहार का इतिहास पता है और न ही भूगोल का. चुनाव आयोग जिस कागज की मांग कर रहा है वह सब सारे दस्तावेज को इकट्ठा करने में मुझे 10 दिन का समय लग गए तो फिर बरसात और खेती के दिन में किसान को कागज की जुगाड़ करने में कितनी परेशानी हो रही होगी. यह SIR हम पर जबरदस्ती थोपा गया है.”
बिहार की ताजा खबरों के लिए यहां क्लिक करें
CM नीतीश के करीबी हैं यादव
उन्होंने आगे कहा कि SIR पर चुनाव आयोग को कम से कम 6 महीने का समय दिया जाना चाहिए था. यह मेरा निजी विचार है. इससे मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता कि पार्टी क्या कह रही है. बता दें कि गिरधारी यादव बिहार के CM नीतीश कुमार के करीबी नेताओं में से एक हैं. वह चार बार लोकसभा के सदस्य चुने जा चुके हैं.
इसे भी पढ़ें: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले पूर्व विधायक अनंत सिंह को मिली बड़ी राहत, कोर्ट ने गोलीकांड में किया रिहा