Jitan Ram Manjhi: राष्ट्रीय जनता दल (RJD) में जारी पारिवारिक उठापटक के बीच एक बार फिर तेज प्रताप यादव चर्चा के केंद्र में हैं. पार्टी प्रमुख और पिता लालू प्रसाद यादव द्वारा उन्हें पार्टी और परिवार से बाहर किए जाने के बाद राजनीतिक गलियारे से लेकर आम जनता तक यही सवाल उठ रहा है. आखिर ऐसा क्या हुआ कि लालू यादव ने अपने ‘लाडले’ बेटे से नाता तोड़ लिया?
हालांकि सोशल मीडिया पर तेज प्रताप यादव की कथित गर्लफ्रेंड अनुष्का यादव के साथ वायरल हुई तस्वीर को इस कार्रवाई की वजह बताया जा रहा था. लेकिन अब इस मुद्दे पर हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के प्रमुख और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने नया दावा कर सियासी हलकों में हलचल मचा दी है.
मांझी बोले- पर्दे के पीछे तलाक केस का डर है!
मांझी ने खुलकर कहा कि यह पूरा घटनाक्रम सिर्फ सोशल मीडिया विवाद तक सीमित नहीं है. असल वजह तेज प्रताप और उनकी पत्नी ऐश्वर्या राय के बीच चल रहे तलाक केस से जुड़ी हुई है. उन्होंने आरोप लगाया कि परिवार को आशंका है कि कोर्ट का फैसला ऐश्वर्या के पक्ष में जा सकता है और इससे लालू परिवार की संपत्ति पर संकट खड़ा हो सकता है.
“तेज प्रताप शादी के समय लिव-इन में थे”
मांझी ने तेज प्रताप यादव के निजी जीवन को लेकर भी गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा, “जब ऐश्वर्या की शादी हुई थी, उस समय तेज प्रताप किसी और लड़की के साथ लिव-इन रिलेशनशिप में था. फिर भी शादी कराई गई और बाद में ऐश्वर्या को घर से मारपीट कर निकाल दिया गया. यह लड़की कोई और नहीं, दरोगा प्रसाद राय की पोती थी.”
‘संपत्ति बचाने का खेल’
जीतन राम मांझी का दावा है कि यह सब एक सुनियोजित राजनीतिक नाटक है. उन्होंने कहा कि अगर कोर्ट ऐश्वर्या के पक्ष में फैसला देता है तो उन्हें संपत्ति में हिस्सा मिल सकता है. इसी डर से तेज प्रताप को औपचारिक रूप से परिवार और पार्टी से बाहर कर दिया गया, ताकि भविष्य में यह कहा जा सके कि तेज प्रताप का अब परिवार से कोई संबंध नहीं है और उनके पास कुछ नहीं है.
लालू परिवार की चुप्पी बनी सवाल
इस पूरे मामले में अब तक लालू यादव या राबड़ी देवी की ओर से कोई विस्तृत सफाई सामने नहीं आई है. ऐसे में मांझी के आरोपों ने सियासी और पारिवारिक ड्रामे को और गहरा कर दिया है. अब सबकी नजरें कोर्ट के फैसले और लालू परिवार की अगली प्रतिक्रिया पर टिकी हैं.
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